Chamoli Avalanche: चमोली हिमस्खलन में लापता सभी मजदूरों को बरामद कर लिया गया है। रविवार (2 मार्च) को आखिरी लापता मजदूर का शव मिला। बचाव अभियान का नेतृत्व भारतीय सेना और एनडीआरएफ के समन्वय में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) द्वारा किया गया था। भारी बर्फबारी, अत्यधिक ठंड (दिन में भी -12 डिग्री सेल्सियस से -15 डिग्री सेल्सियस) और चुनौतीपूर्ण इलाके के बावजूद, बचाव दल ने खोजी कुत्तों, हाथ में पकड़े जाने वाले थर्मल इमेजर्स और एडवांस बचाव तकनीकों का उपयोग करके लोगों की जान बचाने के लिए अथक प्रयास किया।
8 मजदूरों को बचाया नहीं जा सका
पहले प्रशासन ने 55 मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई थी, लेकिन बाद में जिला अधिकारी संदीप तिवारी ने पुष्टि की कि उनमें से एक मजदूर छुट्टी पर था और वह अपने घर सुरक्षित है। इसलिए फंसे हुए मजदूरों की संख्या 54 हो गई। अब सभी मजदूरों को बरामद कर लिया गया है। जिसमें 8 की मौत हो गई।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले दिन से ही बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे थे। आज उन्होंने देहरादून स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचकर बचाव अभियान की समीक्षा की।
रेस्क्यू में लगी थी सेना, NDRF और SDRF की टीमें
बचाव अभियान को और तेज करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। इनके साथ खास प्रशिक्षित खोजी कुत्तों की भी मदद ली गई।
#WATCH | Mana (Chamoli) avalanche incident, Uttarakhand: The State Disaster Response Force (SDRF) team is carrying out search and rescue operations using thermal image cameras.
— ANI (@ANI) March 2, 2025
So far, 53 out of 54 workers have been rescued. 7 workers have died. One person is still missing.… pic.twitter.com/gB1F2JAAbu
बचाव अभियान की निगरानी के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता (GOC-in C, सेंट्रल कमांड) और लेफ्टिनेंट जनरल डी. जी. मिश्रा (GOC, उत्तर भारत) मौके पर मौजूद थे। अभियान में कुल 6 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया था, जिनमें भारतीय सेना के 3, भारतीय वायुसेना के 2 और सेना द्वारा किराए पर लिया गया 1 नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल थे।