Uttarakhand avalanche: उत्तराखंड में चमोली जिले के माना गांव में हिमस्खलन से 4 मजदूरों की मौत हो गई है। जबकि, बर्फ में फंसे 55 में से 50 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। एक श्रमिक की अभी भी तलाश जारी है। शुक्रवार को सुबह 5:30 से 6 बजे के बीच बीआरओ कैंप में हिमस्खलन हुआ था, जिसमें 8 कंटेनरों और 1 शेड के अंदर काम करने वाले मजदूर दब गए थे। तभी से बचाव दल रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है।
चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने बताया कि सेना के ज़रिए बचाव अभियान में 4 हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 55 श्रमिकों में से 47 को बचा लिया गया है। 7 लोगों को जोशीमठ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की निगरानी में उनका उपचार जारी है। तीन की हालत स्थिर है। उम्मीद है कि शेष लोगों को भी जल्द बचा लिया जाएगा।
ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग अवरुद्ध
भूस्खलन के चलते ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग अवरुद्ध है। सीएम धामी स्थिति की निगरानी बनाए हुए हैं। ऋषिकेश एम्स की निदेशक डॉ. मीनू सिंह ने कहा, हम उन अस्पतालों के संपर्क में हैं, जहां घायल श्रमिकों को भर्ती कराया गया है। अभी तक हमें कोई अनुरोध नहीं मिला, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम घायलों को एयरलिफ्ट कराकर समुचित उपचार कराया जाएगा।
यूपी-बिहार और हिमाचल के श्रमिक
बर्फबारी और हिमस्खलन के बीच फंसे इन श्रमिकों में ज्यादा बिहार, उत्तरप्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड के रहने वाले हैं। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी शनिवार सुबह मौका मुआयना करने पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री कार्यालय नजर बनाए हुए है। पल-पल की अपडेट ली जा रही है।
छुट्टी पर गए थे 2 श्रमिक
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि बीआरओ कैंप के 57 में से दो श्रमिक छुट्टी पर गए थे। बर्फ की चट्टानों में फंसे मजदूरों की वास्तविक संख्या 55 थी। इनमें से 33 लोग शुक्रवार को ही बाहर निकाल लिए गए थे। 14 लोग शनिवार सुबह बाहर निकाले गए। 8 लोग अभी बर्फ में फंसे हुए हैं।
10 मजदूरों का एड्रेस नहीं
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार, फंसे हुए मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों के थे। सूची में 10 मजदूरों के नाम हैं, लेकिन उनके राज्यों का उल्लेख नहीं किया गया है।