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Kochi-Mumbai flight Trending News: डॉक्टर को दूसरा भगवान कहा जाता है। कोच्चि-मुंबई फ्लाइट में सफर कर रहे एक पैसेंजर के लिए ये बात सही साबित हो गई है।

Kochi-Mumbai flight Trending News: दुनिया में डॉक्टर को ईश्वर का दर्जा दिया जाता है, क्योंकि वह किसी फरिश्ते की तरह मरते शख्स की सांसें लौटा देता है। कई बार ऐसे वाकये सामने आते हैं, जिससे इस बार पर मुहर लग जाती है। इस बार मामला कोच्चि से मुंबई जाने वाली फ्लाइट का है, जिसमें एक बेहद गंभीर स्थिति में पहुंचें सहयात्री की एक डॉक्टर ने जान बचा ली। उसकी जान बचाने के लिए फ्लाइट में लगभग एक घंटे तक डॉक्टर ने क्रू मेंबर्स के साथ जद्दोजहद की और आखिर में फ्लाइट लैंड होने तक मरीज यात्री की सांसों को टूटने नहीं  दिया। पूरी घटना जानकर आप भी डॉक्टर को दिल से दुआ देने से नहीं चूकेंगे। 

गंभीर किडनी डिजीज का था मरीज
यह घटना अकासा एयरलाइन की कोच्चि-मुंबई फ्लाइट की है। सोशल मीडिया पर इस वाकये की जानकारी खुद डॉक्टर ने पोस्ट की हैं। लिवर डॉक्टर साइरियाक एब्बे फिलिप 14 जनवरी को कोच्चि-मुंबई फ्लाइट में सफर कर रहे थे, इसी दौरान उनके एक सहयात्री को सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी। जब डॉ. फिलिप ने मरीज का चेकअप किया तो उसे सांस लेने में काफी दिक्कत महसूस होने लगी और उसका ऑक्सीजन लेवल काफी गिर गया था। 

फ्लाइट की घटना को याद करते हुए डॉ. फिलिप लिखते हैं कि साढ़े तीन साल में ये पहला मौका रहा जब मैंने स्टेथेस्कोप का एक्टिवली यूज किया। जिस मरीज की उन्होंने जान बचाई उसके परिवार ने भी उन्हें मैसेज और फोन के जरिये धन्यवाद भेजा। उनकी पोस्ट के मुताबिक मरीज गंभीर किडनी बीमारी से पीड़ित था। 

इस तरह मरीज की बचाई जान
जिस वक्त डॉ. फिलिप ने मरीज का चेकअप किया उसकी हालत बहुत खराब थी। उसके पास नेब्युलाइज़र किट थी। इस पर जब उन्होंने मरीज से पूछा कि क्या उसे अस्थमा है तो मरीज ने मना कर दिया। इस दौरान जब स्टेथेस्कोप से उसका चेकअप किया तो एक फेफड़े से बिल्कुल भी आवाज नहीं आ रही थी और उसमें पानी भरा महसूस हुआ। मरीज ने इस बीच बताया कि वह गंभीर किडनी की बीमारी से पीड़ित है और उसका अगले दिन डायलिसिस शेड्यूल है। 

डॉ. फिलिप लिखते हैं 'मैंने उसके फोने को स्क्रॉल किया और फोन इमेजेस में उसका आखिरी प्रिस्क्रिप्शन देखा। ज्यादातर हाई बीपी की दवाएं थीं। मैंने बीपी चेक किया तो वह 280/160 था। मरीज हाइपरटेंशन और फेफड़े के काम न करने की स्थिति से गुजर रहा था। हमें लैंड करने में 1 घंटे का वक्त था, इसके बाद ही मरीज को इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेस मिल पाती। इस एक घंटे तक मरीज को जिंदा रखना हमारे लिए बड़ी चुनौती थी।'

डॉ. फिलिप ने बताया कि फ्लाइट में ही उन्होंने मरीज की दाएं तरफ की एक्सेसिबल वैन को दो बार पंक्चर किया। इसके बाद मरीज को फ्ररूसमाइड इंजेक्शन दिया। उसे ये बताते हुए कि ये काफी दर्द देगा, लेकिन दूसरा और कोई विकल्प भी नहीं है। मरीज की नस को खोजना काफी चुनौतीपूर्ण हो रहा था।

अपनी पोस्ट में डॉ. फिलिप ने  अकासा  एयरलाइन के क्रू की भी काफी तारीफ की। उन्होंने कहा कि 'उन्होंने तत्काल ऑक्सीजन सिलेंडर को चेंज किया। उनकी मदद से मैं मरीज का ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 90 प्रतिशत के ऊपर ला सका। फ्लाइट की ईआर किट में कुछ ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवाएं थी, जिसे मरीज को इमरजेंसी में दिया गया।'

पैसेंजर के परिवार ने दिया धन्यवाद
एक घंटे तक काफी जद्दोजहद करने के साथ ही आखिरकार डॉ. फिलिप मरीज की सांस टूटने से बचाने में कामयाब रहे। प्लेन लैंड होने के बाद उन्होंने परिवार को घटना की जानकारी दी और फिर परिवार मरीज को हॉस्पिटल ले गया। लैंड होने के बाद मरीज ने उन्हें अपना नंबर उसके मोबाइल में एंटर करने को कहा। अगले दिन मरीज के परिवार के सदस्यों ने फोन और मैसेज के जरिए उन्हें धन्यवाद दिया।

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