Bulldozer Action in University of Amsterdam: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 'बुल्डोजर' एक्शन के लिए काफी मशहूर हैं। इस बुल्डोजर एक्शन की एक झलक नीदरलैंड के एम्स्टर्डम यूनिवर्सिटी में देखने को मिली। दरअसल, फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन की चिंगारी अमेरिका के शहरों से निकलकर यूरोप के शहरों तक फैल गई है। इसी क्रम में एम्स्टडर्म यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन के समर्थन में तमाम लोगों ने प्रदर्शन किया।
125 लोगों को हिरासत में लिया
मंगलवार, 7 मई को प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिए डच पुलिस ने बुलडोजर का इस्तेमाल किया। करीब 125 कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी ले लिया गया। पुलिस का कहना है कि ये कदम व्यवस्था बहाल करने के लिए आवश्यक था, क्योंकि विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
Bulldozers tear down pro-Palestine encampment as riot police armed with shields and batons storm in to tear down tents and arrest protesters at the University of Amsterdam.
— Oli London (@OliLondonTV) May 7, 2024
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पुलिस ने लाठियों से पीटा
सोशल मीडिया पर प्रदर्शन से जुड़े कई वीडियो वायरल हैं। एक वीडियो में दंगा पुलिस को फिलीस्तीन समर्थक छात्रों द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने के लिए बुलडोजर का उपयोग करते हुए देखा गया। साथ ही प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठियों और ढालों का उपयोग करते हुए अधिकारियों को दिखाया गया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीटा और तंबू को हटा दिया।
पुलिस का कहना है कि विरोध प्रदर्शन उग्र हो गए थे। इससे कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। तंबू, बैरिकेड्स लगाए जाने के कारण इमरजेंसी सेवाओं पर असर पड़ रहा था।
Dutch police use BULLDOZERS to destroy anti-Israel encampment at the University of Amsterdam. pic.twitter.com/iHmOWPNeg9
— Oli London (@OliLondonTV) May 7, 2024
इजराइल से संबंध खत्म करने की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी छात्र
यूनिवर्सिटी के एक शख्स ने यह भी कहा कि छात्रों ने पूरे दिन प्रदर्शन किया। लेकिन रात में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती थी। द न्यू अरब के अनुसार, प्रदर्शनकारी यह भी मांग कर रहे थे कि यूनिवर्सिटी इजराइल के साथ शैक्षणिक संबंध समाप्त कर दे।
फिलहाल, अमेरिकी विश्वविद्यालय परिसरों से यूरोप के शहरों तक विरोध फैलने के बाद डच राजधानी में छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में आजाद फिलिस्तीन जैसे नारे लगाए। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इन विरोध प्रदर्शनों में पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने कहा कि हम सोशल मीडिया पर फुटेज खंगाल रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने जताया दुख
शिक्षा मंत्री रॉबर्ट डिकग्राफ ने कहा कि वह विश्वविद्यालयों में ऐसी हिंसा देखकर दुखी हैं। विश्वविद्यालय पढ़ाई के लिए है न कि बयानबाजी और प्रदर्शन के लिए है।