Donald Trump Threat to Iran: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को खुली धमकी दी है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि अगर ईरान मेरी जान को नुकसान पहुंचाता है, तो उसके शहरों को 'टुकड़ों में' उड़ा दिया जाएगा।ट्रंप ने यह बयान अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की ओर से मिली जानकारी के बाद दिया। बता दें कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि ईरान ट्रम्प के खिलाफ साजिश रच रहा है। बीते दो महीने में ट्रंप पर दो जानलेवा हमले हुए हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इनके पीछे ईरानी समर्थकों का हाथ हो सकता है।
'ईरान के शहरों को टुकड़ों में उड़ा देंगे'
ट्रंप ने एक चुनावी रैली में कहा कि अगर ईरान मुझे या किसी भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो अमेरिका ईरान के सबसे बड़े शहरों को "टुकड़ों में" उड़ा देगा। ट्रम्प ने कहा कि इस तरह के हमलों को अमेरिका बर्दाश्त नहीं करेगा। ईरान को ऐसा कुछ भी करने पर इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट ट्रम्प ने खुद पर हुए जानलेवा हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों पर पूरा भरोसा है।
'मुझ पर हुए जानलेवा हमलों में ईरान का हाथ'
ट्रम्प ने यह भी कहा कि बीते कुछ महीनों में मुझ पर हुए दो जानलेवा हमलों के पीछे ईरान का हाथ हो सकता है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने जुलाई और सितंबर में खुद पर हुए जानलेवा हमलों का जिक्र किया। एक हमले में गोली ट्रम्प के कान को छूते हुए निकल गई थी। वहीं, दूसरे मामले में ट्रम्प के गोल्फ कोर्स के पास एक हथियारबंद शख्स घात लगाए बैठा था लेकिन सिक्योरिटी की नजर पड़ते हुए भाग खड़ा हुआ था। ट्रंप ने इन घटनाओं को लेकर खुफिया एजेंसियों की सतर्कता की तारीफ की।
'ट्रम्प ने ईरान के राष्ट्रपति पर भी उठाए सवाल '
ट्रम्प ने कहा कि जब मेरे खिलाफ हमलों की खबरें सामने आईं, तब ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजेशकियन न्यूयॉर्क में थे। ईरानी राष्ट्रपति को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के दौरान व्यापक सुरक्षा दी जा रही थी, जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की सुरक्षा खतरे में थी। ट्रंप ने कहा कि यह बेहद अजीब बात है। ट्रम्प ने पूछा कि अमेरिका पहुंचने पर ईरानी नेताओं को सुरक्षा क्यों दी जा रही है?
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की चेतावनी
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने यह चेतावनी दी थी कि ईरान समर्थित गुट ट्रम्प पर हमले की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही ट्रम्प ने कहा कि इन हमलों में विदेशी ऐप्स और तकनीक का इस्तेमाल हो सकता है। उन्होंने अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों से इन ऐप्स और अन्य तकनीकी संसाधनों को खोलने की मांग की, ताकि इन हमलों की पूरी साजिश का पता लगाया जा सके। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने इन हमलों को "घृणास्पद" बताया और कहा कि इस तरह के हमले लोकतंत्र पर हमला हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि न्याय विभाग इन हमलों में शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए काम करेगा।