Double blast in Iran: ईरान का करमान शहर बुधवार को दोहरे धमाकों से दहल उठा। विस्फोट उस कब्रिस्तान में हुए जहां कमांडर जनरल सुलेमानी को दफनाया गया है। सुलेमानी को साल 2020 में अमेरिका ने ड्रोन हमले में मार गिराया था। इसमें 103 लोगों की मौत हो गई और 141 लोग जख्मी हो गए। ईरान के सरकारी मीडिया ने इन दोनों विस्फोट को आतंकी हमला बताया है। ईरान की आपातकालीन सेवाओं के प्रवक्ता बाबाक येक्तापरस्त ने हमले की पुष्टि की है। हालांकि,अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। दोनों धमाके दस मिनट के अंतराल पर हुए।
कनस्तरों में रखकर प्लांट किए गए थे बम
बुधवार को कमांडर जनरल सुलेमानी की मौत की चौथी बरसी पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें शामिल होने के लिए काफी संख्या में लोग मौजूद थे। इसी दौरान धमाके हुए। स्थानीय मीडिया के मुताबिक बमों को कनस्तरों में रखकर प्लांट किया गया था। पहला धमाका सुलेमानी की कब्र से करीब 700 मीटर की दूरी पर और दूसरा धमाक इससे करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर हुआ। यह राहत की बात रही कि धमाके शहर के व्यस्त इलाकों में नहीं हुए।
घायलों में कईयों की हालत गंभीर
अल जजीरा के मुताबिक आपातकालीन सेवाओं के प्रवक्ता बाबाक येक्तापरस्त ने बताया कि घायलों में से कई लोगों की हालत गंभीर है। ऐसे में इस बात की संभावना है कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। सरकार घायलों को हरसंभव इलाज उपलब्ध करवाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। हेलिकॉप्टर तैयार रखे गए हैं। अगर जरूरत पड़ी तो सरकार जख्मी लोगों को इलाज के लिए कमरान से राजधानी तेहरान ले जाएगी।
सुरक्षाबलों ने धमाके वाली जगह को खाली कराया
सुरक्षाबलों ने धमाके वाली जगह को खाली करा लिया है। लोगों से अपील की गई है कि किसी भी प्रकार की संदेहास्पद गतिविधि देखने पर तुरंत इसकी जानकारी दें। शुरुआत में ऐसी खबर भी आई कि हमले में ईरानी सेना की शाखा IRGC के एक अफसर की मौत हुई है। हालांकि बाद में ईरानी अधिकारियों ने इस खबर का खंडन किया। यह बताया कि हमले वाली जगह कोई भी IRGC अफसर मौजूद नहीं था।
पहला धमाका ज्यादा शक्तिशाली था
करमान के सांसद मोहम्मद रेजा पोर-इब्राहिमी ने बताया कि पहला धमाका दूसरे धमाके से ज्यादा शक्तिशाली था। सभी घायलों को करमान के शाहिद बहोनर अस्पताल में ले जाया गया है। अस्पताल की पूरी टीम जख्मी लोगों की देखभाल में लगी है। इसके साथ ही दूसरी मेडिकल टीम को भी बुलाया गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि आतंकियों ने रिमोट कंट्रोल की मदद से धमाकों को अंजाम दिया।