Modi Trump Friendship: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने गए हैं। संसद के दोनों सदनों हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (एचओआर) और सीनेट में भी डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को बहुत मिली है। एचओआर में रिपब्लिकन पार्टी की 49 और डेमोक्रेटिक पार्टी की 28 सीटों पर जीत हुई है। इसके अलावा सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी को 43 और डेमोक्रेटिक पार्टी 34 सीटों पर जीत हासिल हुई है। आइए, जानते हैं कि अमेरिका की सत्ता में ट्रंप की वापसी से भारत पर क्या होगा असर। ट्रंप और पीएम मोदी की दाेस्ती किन मायनों में भारत के लिए होगी फायदेमंद। 

पीएम मोदी और ट्रंप के बीच है अच्छी केमेस्ट्री
ट्रंप की जीत पर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। पीएम मोदी ने उम्मीद जताई है कि ट्रंप के कार्यकाल में भारत अमेरिका के संबंधों की नई ऊंचाई मिलेगी। ट्रंप कई मौकों पर पीएम नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बता चुके है। दोनों नेताओं के बीच कैमेस्ट्री भी अच्छी नजर आती है। पिछले दो दशक से भारत अमेरिका के रिश्तों में काफी सुधार हुआ है। दोनों देशों के रिश्तों को देखें तो कई बातें सकारात्मक दिखाई देती है। ट्रंप की जीत के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलेगा, भारत पर कनाडा और चीन का बढ़ता दबाव कम होगा।

ट्रंप ने बांग्लादेश मामले में भारत का दिया साथ
बांग्लादेश में पूर्व राष्ट्रपति शेख हसीना को अपदस्थ करने के बाद वहां पर अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हुए हमलों की ट्रंप ने कड़े शब्दों में निंदा की थी। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि बांग्लादेश पर भी भारत का दबाव बढ़ेगा और वहां रह रहे अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा होगी, उन्हें पर्याप्त सुरक्षा भी मिलेगी। ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले की जमकर आलोचना करते हुए इसे अराजक स्थिति बताया था। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से • अपने संबंधों को और मजबूत करने का वादा किया था।

ट्रंप कई बार कर चुके हैं पीएम मोदी की तारीफ
डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच काफी दोस्ताना संबंध रहे हैं। हाउडी मोदी के बाद ट्रंप 2020 की शुरुआत में भारत आए तो अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हजारों की भीड़ के बीच हुई उनकी सभा को देखकर वे हैरान रह गए थे। अमेरिका जाने पर ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की थी। इसके बाद भी कई मौके ऐसे आए हैं जब ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की। मौजूदा राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी ट्रंप ने मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें एक शानदार शख्स और अपना एक अच्छा दोस्त बताया था। यहां तक कि जब पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर पहुंचे तो ट्रंप खास तौर पर अपने इस दोस्त से मिलने पहुंचे थे। 

ट्रंप की जीत पर पीएम मोदी ने क्या कहा
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने गए है। पीएम मोदी ने उम्मीद जताई है कि ट्रप के कार्यकाल में भारत-अमेरिका के सबधों की नई ऊचाई मिलेगी। ट्रप कई मौकों पर पीएम नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बता चुके है। दोनों नेताओं के बीच केमेस्ट्री भी अच्छी नजर आती है। पिछले दो दशक से भारत-अमेरिका के रिश्तों में काफी सुधार हुआ है। यदि दोनों देशों के रिश्तों को देखें तो कई बातें सकारात्मक दिखाई देती है। ट्रप की जीत के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा, आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलेगा, भारत पर कनाडा और चीन का बढ़ता दबाव कम होगा।

आतंक के खिलाफ मिलेगा साथ
ट्रंप आतंकवाद के खिलाफ काफी मुखर हैं। ट्रंप ने इस्लामिक आतंकवाद और जेहाद का बार-बार उल्लेख किया है। ट्रंप अमेरिका में मुस्लिम माइग्रेशन को खतरा बताते रहे हैं। भारत को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मामले में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका का मुखर सहयोग मिलेगा। आतंकवाद पर भारत को अमेरिका का साथ मिलेगा ट्रंप ने जम्मू-कश्मीर में पुलवामा में हुए हमले की निंदा करते हुए भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया था। 
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रक्षा क्षेत्र में अमेरिका-भारत के बीच बढ़ेगा सहयोग
ट्रंप की सरकार में भारत और अमेरिका के रक्षा संबंध और मजबूत हो सकते हैं। ट्रंप के शासनकाल में भारत के साथ हथियारों के निर्यात, संयुक्त सैन्य अभ्यास और तकनीकी हस्तांतरण की दिशा में तालमेल नजर आ सकता है। ट्रंप ने पिछले कार्यकाल में भारत के साथ बड़े रक्षा समझौते किए थे। ट्रंप के शासन में उम्मीद की जाना चाहिए कि भारत को अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति में अमेरिका से सहयोग मिलेगा। ट्रंप के आने से क्वाड देशों को मजबूती मिलेगी।

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से कनाडा पर बढ़ेगा दबाव
अमेरिका और कनाडा में खालिस्तानी गतिविधिया चढ़ने से पिछले दिनों भारत को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। न सिर्फ दो देशों के रिश्ते खराब हुए हैं, बल्कि भारतीय हिंदुओं की सुरक्षा में खतरे में आ गई है। चूंकि कनाडा के पीएम जस्टिन टूडो की नीतियां अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से काफी मेल खाती है ऐसे में उम्मीद करना चाहिए कि ट्रंप के आने से भारत को कबाडा पर दबाव बनाने में मदद मिलेगी।

घुसपैठ पर ट्रंप और पीएम मोदी की सोच एक जैसी
अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर भी टूप और मोदी एक ही सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं। जहां अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप मेक्सिको से लगी सोम पर दीवार बन रहे हैं। घुसपैठ को तो उन्होंने चुनाव में मुद्रा हो बनाया। वहीं भारत ने मोदी के दौर में सीएए और एनआरसी के जरिये घुसपैठ की समस्या को चुनौती दी है। यदि भारत कॉमन सिविल कोड के मुद्दे पर आगे बढ़ता है तो ट्रंप का साथ मिलने की संभावना है।

अमेरिका से चुनौतियां भी आएंगी
डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां अमेरिका फर्स्ट की रही हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने की स्थिति में भारत की सबसे बड़ी चिंता एचा बी वीसा और आव्रजन नीतियों को लेकर है। टैरिफ को लेकर संशय- ट्रंप के पहले शासनकाल में ही अमेरिका ने भारत के तरजीही व्यापार वाले देश के दर्जे को खत्म कर दिया था। ट्रंप ने चीन के खिलाफ टेरिफ वार शुरू करने की धमकी दी है। ट्रंप भारत को टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला देश बताया है। उन्होंने भारत और चीन के अलावा कई दूसरे देशों के आयात पर टैरिफ लगाया था।