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India-France Strategic Dialogue: भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक संवाद पेरिस में 30 सितंबर से शुरू होगा। जिसमें NSA अजित डोभाल और फ्रांसीसी राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोन रणनीतिक रक्षा साझेदारी पर चर्चा करेंगे।

India-France Strategic Dialogue: भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक संवाद (Strategic Dialogue) 30 सितंबर से पेरिस में शुरू होने वाला है। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और फ्रांसीसी राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोन रणनीतिक रक्षा साझेदारी पर चर्चा करेंगे। फ्रांस की सरकार भारत को परमाणु हमलावर पनडुब्बियों (Nuclear Attack Submarines) के निर्माण में सहयोग देने और 110 किलो-न्यूटन थ्रस्ट वाले विमान इंजन और पानी के भीतर ड्रोन के लिए 100% तकनीक ट्रांसफर करने के लिए तैयार है।

यूक्रेन संघर्ष खत्म करने के भारत के प्रयासों पर भी चर्चा संभव
यह बैठक 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच पेरिस में होगी और यह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की जनवरी में भारत यात्रा के बाद की पहली द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता होगी। अजित डोभाल के फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात करने और यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने के भारत के प्रयासों पर चर्चा करने की भी उम्मीद है। फ्रांस, रूस के साथ भारत की वार्ताओं को पूरी तरह से समर्थन दे रहा है और युद्ध के ग्लोबल साउथ पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखता है।

फ्रांस की ओर से भारत के लिए प्रमुख रक्षा प्रस्ताव

1) परमाणु पनडुब्बी सहयोग: भारतीय नौसेना ने भविष्य के अभियानों के लिए दो परमाणु हमलावर पनडुब्बियों के निर्माण की आवश्यकता को सरकार के समक्ष रखा है। फ्रांस ने इस परियोजना के लिए पूरी तकनीकी सहायता देने का प्रस्ताव किया है।
2) जेट इंजन सहयोग: Safran Engines ने भारत को 110 किलो-न्यूटन थ्रस्ट वाले विमान इंजन को डिज़ाइन, विकसित, प्रमाणित और उत्पादित करने के लिए 100% तकनीकी हस्तांतरण का प्रस्ताव दिया है। यह इंजन भारत का संप्रभु संपत्ति होगा, जिसे वह तीसरे देशों को बिना किसी प्रतिबंध के निर्यात कर सकेगा।
3) पनडुब्बी निर्माण: भारत के प्रोजेक्ट 75 के तहत फ्रांस और भारत मिलकर तीन और कलवरी क्लास डीजल हमला पनडुब्बियों का निर्माण करेंगे।

इंडो-पैसिफिक और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे
इस रणनीतिक संवाद में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, विशेष रूप से भारतीय महासागर में सहयोग को और मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, मध्य-पूर्व में चल रहे संघर्ष और लाल सागर में हौथियों द्वारा वाणिज्यिक जहाजों पर किए जा रहे हमलों पर भी चर्चा होगी। भारत-मध्य-पूर्व आर्थिक गलियारे में फ्रांस ने अपनी रुचि जताई है और उसने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के समर्थन के लिए एक विशेष दूत भी नियुक्त किया है। यह बातचीत भारत और फ्रांस के बीच दीर्घकालिक रक्षा और सुरक्षा सहयोग को गहरा करने का एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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