India Responds Pakistan: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में शुक्रवार को भारत ने पाकिस्तान को करार जवाब दिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाया था। भारत की ओर से डिप्लोमैट भाविका मंगलनंदन (Bhavika Mangalanandan) ने 'राइट टू रिप्लाई' के तहत जवाब दिया। भारत ने कहा कि जो देश खुद आतंकवाद का गढ़ है, वह अहिंसा की बात करे, यह सबसे बड़ा पाखंड है।
पाकिस्तान पर भारत का सख्त जवाब
भारत ने अपने जवाब में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को अपने हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता है। पाकिस्तान बीते कई साल से जम्मू-कश्मीर में चुनावों को बाधित करने में लगा है। पाकिस्तान ने कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद का सहारा लिया है। पाकिस्तान ने हमेशा क्रॉस बार्डर टेररिज्म को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया है।
#WATCH | At UNGA Indian diplomat Bhavika Mangalanandan replies to Pakistani PM Shehbaz Sharif, says, "This assembly regrettably witnessed a travesty this morning. A country run by the military, with a global reputation for terrorism, narcotics, trade and transnational crime has… pic.twitter.com/ZpHxE6a5Py
— ANI (@ANI) September 28, 2024
कश्मीर पर फिर से झूठे दावे
बता दें कि पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने UNGA में दिए अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए आर्टिकल 370 और आतंकी बुरहान वानी का जिक्र किया। शहबाज शरीफ ने भारत पर कि कश्मीरियों को उनके अधिकारों से वंचित करने का आरोप लगाया। भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान झूठ फैलाने की कोशिश कर रहा है। कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। आर्टिकल 370 को लेकर (Article 370) पर भारत का रुख स्पष्ट है और इस पर भारत ने कई स्थिति स्पष्ट भी की है।
आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का हमला
भारतीय राजनयिक ने अपने बयान में पाकिस्तान के आतंकवादियों को शरण देने और अलकायदा के ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में शरण देने के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि एक ऐसा देश जो खुद आतंकवाद का गढ़ है, उसे दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर उंगली उठाने का कोई हक नहीं। इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तान को 1971 में हुए नरसंहार और अपने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। [Pakistan terrorism history] के इस संदर्भ में भारत ने स्पष्ट किया कि उसके आतंकवाद से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
कश्मीर को लेकर शांति वार्ता का आह्वान
शरीफ ने अपने भाषण में भारत से कश्मीर पर शांति वार्ता की भी अपील की। शहबाज शरीफ ने कहा कि कि कश्मीर विवाद का हल UN सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरियों की इच्छाओं के अनुसार होना चाहिए। भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा रहेंगे और इस मामले में कोई भी बाहरी हस्तक्षेप मंजूर नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत (India-Pakistan dialogue) को लेकर भारत की नीति हमेशा स्पष्ट रही है।
स्लामोफोबिया और भारत पर आरोप
बता दें कि अपने भाषण में शरीफ ने भारत पर मुसलमानों के साथ भेदभाव करने और इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत में 20 करोड़ मुसलमानों को दबाने की कोशिश की जा रही है। भारत ने इन आरोपों को झूठ करार दिया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान खुद अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता है, उसे भारत पर इस तरह के आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।