MEA Reacts on Khalistani terrorist Gurpatwant Singh Pannun: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की उपस्थिति पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार, 24 जनवरी को अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि यह मुद्दा अमेरिका के सामने उठाया जाएगा। MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जब भी अमेरिका में कोई भारत-विरोधी गतिविधि होती है, तो इसे संबंधित सरकार के सामने उठाया जाता है।
MEA ने पन्नू की उपस्थिति पर क्या कहा?
खालिस्तानी आतंकी पन्नू की उपस्थिति को लेकर पूछे गए एक सवाल पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि जब भी कोई भारत-विरोधी गतिविधि होती है, हम इस मामले को अमेरिकी सरकार के सामने उठाते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत-विरोधी एजेंडे से जुड़े मामलों पर हम लगातार अमेरिका के साथ बात करते रहेंगे।
पन्नू ने अमेरिका में लगाया भारत विरोधी नारा?
रिपोर्ट के अनुसार, पन्नू को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में गया था, और उसने कथित तौर पर भारत-विरोधी नारे लगाए।
2020 में भारत द्वारा आतंकी घोषित किए गए पन्नू पर 2019 से ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की नजर है। इससे पहले, पन्नू ने अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को धमकी दी थी कि वह अमेरिका में खालिस्तान समर्थक सिखों के रडार पर हैं।
UK में फिल्म 'Emergency' की स्क्रीनिंग पर रोक
MEA ने अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म 'Emergency' की स्क्रीनिंग UK में बाधित होने के मुद्दे पर भी बात की। रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत लगातार UK सरकार से हिंसक प्रदर्शन और भारत-विरोधी लोगों द्वारा धमकी के मामलों को लेकर अपनी चिंता जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी को चुनिंदा तौर पर लागू नहीं किया जा सकता, और जो लोग इसे बाधित करते हैं, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
MEA ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर साधा निशाना
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उसे आड़े हाथों लिया। जायसवाल ने कहा कि दुनिया जानती है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश कौन है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान से अपील की है कि वह सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की राय
रूस और यूक्रेन के युद्ध के सवाल पर MEA प्रवक्ता ने कहा कि भारत की स्थिति हमेशा स्पष्ट और स्थिर रही है। उन्होंने कहा कि हम शांति के पक्ष में हैं, और चाहते हैं कि इस युद्ध का समाधान संवाद और कूटनीति के माध्यम से हो। पीएम मोदी ने ने भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है।