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Pakistan Condemns Iran Over Strikes: ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने ब्लूचिस्तान में बलूची सुन्नी आतंकवादी संगठन जैश-अल-अदल के दो ठिकानों को निशाना बनाया। हमले से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें कथित आतंकियों के ठिकाने बर्बाद नजर आ रहे हैं।

Pakistan Condemns Iran Over Strikes: ईरान ने मंगलवार रात पाकिस्तान पर ड्रोन और मिसाइलों से एयर स्ट्राइक कर दी। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने ब्लूचिस्तान में बलूची सुन्नी आतंकवादी संगठन जैश-अल-अदल के दो ठिकानों को निशाना बनाया। हमले से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें कथित आतंकियों के ठिकाने बर्बाद नजर आ रहे हैं। हालांकि हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता है। ईरान ने यह हमला ईराक और सीरिया में मिसाइल अटैक के ठीक एक दिन बाद किया। 

मंगलवार की देर रात करीब 2 बजे पाकिस्तान ने ईरानी हमले की पुष्टि की। विदेश मंत्रालय के दफ्तर के अनुसार, हमले में दो मासूम बच्चों की मौत हुई है, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं। लेकिन किस जगह बच्चे मारे गए, इसका जिक्र नहीं किया गया। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की संप्रभुता के उल्लंघन का कड़ा विरोध किया। इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य बताते हुए चेतावनी दी कि इसके गंभीर परिणाम होंगे। 

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ईरान के डिप्लोमैट को किया तलब
चेतावनी देने के साथ पाकिस्तान ने चिंता भी जताई। कहा कि पाकिस्तान और ईरान के बीच बातचीत के कई चैनल्स खुले होने के बाद भी यह अवैध कृत्य हुआ। हमने तेहरान में ईरानी सरकार से संपर्क किया और उन्हें अपना नजरिया बता दिया है। ईरान के डिप्लोमैट को भी तलब किया गया है। गंभीर परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से ईरान की होगी। 

पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि आतंकवाद सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है। जिसके लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है। इस तरह के एकतरफा कृत्य अच्छे पड़ोसी संबंधों के अनुरूप नहीं हैं। ऐसे अवैध कृत्यों से द्विपक्षीय विश्वास कम होगा और रिश्ते भी खराब होंगे। 

विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने फोन पर की बात
कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन से फोन पर बात की। उन्होंने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद से निपटने में ईरान के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता जताई।

हमले की ये रही वजह?
दरअसल, ईरान एक शिया बहुल देश है। जबकि पाकिस्तान में करीब 90 फीसदी मुसलमान सुन्नी हैं। सुन्नी संगठन ईरान का विरोध करते हैं। ब्लूचिस्तान का जैश अल अदल आतंकी संगठन ईरान की सीमा में घुसकर कई बार वहां की सेना पर हमले करता रहा है। ईरान सरकार कई बार पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने की वॉर्निंग दे चुकी है। 

पिछले साल मई में सिस्तान-बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी जाहेदान के दक्षिण-पूर्व में सारावन में एक सशस्त्र समूह के साथ संघर्ष में पांच ईरानी सीमा रक्षकों की मौत हो गई थी। दोनों देशों के बीच 2015 से रिश्ते खराब चल रहे हैं। तब जैश अल अदल के साथ संघर्ष में ईरान के 8 सैनिक मारे गए थे। 

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