Pakistan Electricity Theft Case: पाकिस्तान से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां खैबर पख्तूनख्वा (KP) प्रांत में एक तीन साल के बच्चे के खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया है। बच्चे पर यह मुकदमा पेशावर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (PESCO) और जल और बिजली विकास प्राधिकरण (WAPDA) की शिकायतों पर लिखा गया। उस पर बिजली चोरी में कथित संलिप्तता का आरोप है।
कानून प्रवर्तन एजेंसी ने 3 साल के बच्चे को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया। लेकिन WAPDA और PESCO के अधिकारी बच्चे के कथित अपराध को साबित नहीं कर पाए। इस बात का हलफनामा भी दिया गया। आखिरकार जज ने मामले को खारिज कर दिया। फिलहाल यह मामला पूरे पाकिस्तान में चर्चा का विषय बन गया है। लोग शहबाज शरीफ सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
पाकिस्तान में 65 रुपए में एक यूनिट बिजली
पाकिस्तान में बिजली बिल के दामों में बेहताशा बढ़ोत्तरी हुई है। यहां 65 रुपए में एक यूनिट बिजली मिलती है। लोग बिजली बिल से परेशान हैं। इससे बिजली चोरी की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। एक महीने पहले खुलासा हुआ था कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्को) के भीतर बिजली चोरी के कारण राष्ट्रीय खजाने को 438 बिलियन पीकेआर का चौंका देने वाला नुकसान हुआ है। सूत्रों ने खुलासा किया कि ये घाटा पीकेआर 438 बिलियन से अधिक था, जो कि पीकेआर 723 बिलियन की कुल वार्षिक बिलिंग के बीच एक बड़ा आंकड़ा है।
7 अप्रैल को, पंजाब ऊर्जा विभाग ने बिजली वितरण कंपनियों द्वारा सरकारी संस्थानों से अधिक शुल्क वसूलने पर चिंता जताई और इसे प्रांतीय खजाने पर बोझ बताया। विभाग ने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी विभागों द्वारा अधिक शुल्क वसूलने के लिए लाहौर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (LESCO), फैसलाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (FESCO), मुल्तान इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (MEPCO), गुजरांवाला इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (GEPCO), और इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (IESCO) दोषी हैं।
बिजली चोरी रोकने के लिए एफआईए की तैनाती
ARY न्यूज के अनुसार, प्रांतीय विभागों में 1,02,000 से अधिक बिजली कनेक्शनों के साथ, वास्तविक खपत और बिल के बीच भारी विसंगति है। विभाग ने खुलासा किया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रांतीय विभागों ने PKR 1.91 बिलियन से अधिक की बिजली की खपत की, लेकिन PKR 76 बिलियन का भुगतान किया। इस व्यापक मुद्दे से निपटने के लिए संघीय सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मांगों का जवाब देते हुए बिजली चोरी पर अंकुश लगाने और राजस्व वसूली को बढ़ाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों (डीआईएससीओ) में संघीय जांच अधिकारियों (एफआईए) की तैनाती को मंजूरी दी है।