Sarfraz Tamba Survives Attack: सरबजीत सिंह का हत्यारा अमीर सरफराज तांबा जिंदा है। यह पुष्टि किसी आम शख्स ने नहीं बल्कि पाकिस्तान में लाहौर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन सैयद अली रजा ने डॉन से किया। अली राजा ने कहा कि सरफराज जिंदा है, हालांकि गंभीर रूप से घायल। शुरुआत में स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरफराज की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
दावा- स्थानीय अस्पताल में चल रहा इलाज
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी तांबा रविवार को लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में अपने आवास पर था। तभी दो नकाबपोश हथियारबंद लोग गंगा स्ट्रीट स्थित उनके घर में जबरदस्ती घुस आए और उस पर गोलियां चला दीं। जब तांबा खून से लथपथ होकर नीचे गिर गया तो हमलावर उसे छोड़कर मौके से भाग निकले। उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।
मंत्री बोले- पिछली घटनाओं जैसा हुआ हमला
इस पूरे घटनाक्रम पाकिस्तान के गृह मंत्री मंत्री मोहसिन नकवी ने सोमवार को संकेत दिया कि अमीर सरफराज तांबा पर हुए हमले में भारत का हाथ है। लाहौर में संघीय जांच एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के अंदर हत्याओं की इस तरह की दो-चार घटनाओं में भारत सीधे तौर पर शामिल रहा है। पुलिस अभी भी जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस समय सभी सबूत उनकी (भारत) ओर इशारा कर रहे हैं। जांच पूरी होने से पहले अधिक कहना अनुचित है, लेकिन पैटर्न लगभग समान है।
तांबा पर हमला ब्रिटिश प्रकाशन द गार्जियन की रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद हुआ। ब्रिटिश अखबार ने बीते दिनों दावा किया था कि भारत सरकार ने विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने की एक व्यापक रणनीति के तहत पाकिस्तान में व्यक्तियों की हत्या की। हालांकि भारत ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया था।
पंजाब के डीजीपी ने मंत्री के बयान से कसा किनारा
गृह मंत्री की टिप्पणी के विपरीत पंजाब के महानिरीक्षक डॉ. उस्मान अनवर ने कहा कि लाहौर हमले में विदेशी भागीदारी के बारे में कोई भी बयान फिलहाल समय से पहले या बहुत जल्दी होगा। हमले के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए एक हाई-प्रोफाइल जांच शुरू की गई है। इस्लामपुरा पुलिस ने अज्ञात हथियारबंद लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। पंजाब सरकार ने मामले को जांच के लिए पुलिस के आतंकवाद-रोधी विभाग को भेज दिया है।
सरबजीत की हत्या में शामिल था सरफराज
दरअसल, तांबा उन दो कैदियों में से एक था, जिसने लाहौर की कोट लखपत जेल में 2013 में भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर हमला किया था। इसके बाद सरबजीत की मौत हो गई थी। सभी गवाहों के अपने बयान से मुकर जाने के बाद सरफराज और उसके साथी मुदासिर मुनीर को 2018 में जिला और सत्र अदालत ने बरी कर दिया था।
सरबजीत सिंह की हत्या फरवरी 2013 में आतंकी अफजल गुरु को मुंबई की तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के कुछ महीने बाद की गई थी। सरबजीत सिंह लाहौर और फैसलाबाद में सिलसिलेवार बम हमलों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा काट रहे थे, जिसमें 1990 में 14 लोग मारे गए थे।