Trump EU Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर ट्रेड के मोर्चे पर आक्रामक रुख अपना रहे हैं। कनाडा, मेक्सिको और चीन के बाद अब ट्रंप का अगला निशाना यूरोपियन यूनियन (EU) है। ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वह यूरोप पर भी टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि यूरोपियन यूनियन ने अमेरिका के साथ 'बुरा बर्ताव' किया है और अब इसका जवाब दिया जाएगा। इससे पहले 2018 में ट्रंप ने यूरोप से आने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया था, जिसके बाद EU ने भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ा दिया था।
पहले भी उठा चुके हैं कड़ा कदम
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी बेहद आक्रामक रही है। ट्रंप ने पहले चीन, कनाडा और मेक्सिको पर 25% तक टैरिफ लगाया था, जिससे इन देशों के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव आ गया। कनाडा ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 25% टैरिफ लगा दिया था, जबकि मेक्सिको ने भी कई अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर भारी टैक्स लगा दिया है। चीन ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाते हुए विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज कराई है। अब जब ट्रंप ने यूरोप के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है, तो इससे वैश्विक बाजारों में और ज्यादा उथल-पुथल मच सकती है।
पनामा के फैसले से चीन को झटका
ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी का असर सिर्फ अमेरिका और यूरोप तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव लैटिन अमेरिका तक दिख रहा है। पनामा ने चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) से खुद को अलग करने का फैसला किया है। पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने साफ कहा कि उनका देश अब चीन के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में शामिल नहीं रहेगा। पनामा अब अमेरिका के साथ मिलकर काम करेगा। इसके अलावा, पनामा सरकार अपनी पोर्ट्स कंपनियों की जांच भी शुरू कर रही है, जो चीन के साथ जुड़ी हुई हैं। यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच चल रहे आर्थिक खिंचतान को और गहरा कर सकता है।
ग्लोबल मार्केट में बढ़ी हलचल
ट्रंप के इस ऐलान के बाद वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई है। अमेरिका के प्रमुख शेयर बाजार डाओ जोंस में 337 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि S&P 500 और नैस्डैक में भी भारी गिरावट देखने को मिली। एशियाई बाजारों में भी इसका असर देखने को मिला, जहां जापान, दक्षिण कोरिया और हांगकांग के बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव रहा। भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा। BSE सेंसेक्स में 700 अंकों की गिरावट और NSE निफ्टी में 200 अंकों की कमजोरी दर्ज की गई। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप ने यूरोप पर टैरिफ लगा दिया, तो इससे वैश्विक व्यापार संतुलन प्रभावित हो सकता है।
अब क्या होगा आगे?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप अपने फैसले पर अमल करते हैं, तो अमेरिका और यूरोप के बीच व्यापार युद्ध और तेज हो सकता है। इससे अमेरिकी कंपनियों को भी नुकसान होगा, क्योंकि यूरोप भी जवाबी टैरिफ लगा सकता है। इससे पहले 2018 में जब ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ लगाया था, तब यूरोप ने अमेरिकी व्हिस्की, मोटरसाइकिल और अन्य उत्पादों पर भारी टैक्स लगा दिया था। अब अगर यह संघर्ष फिर से बढ़ा, तो ग्लोबल इकॉनमी पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।