US BAPS Temple Vandalized: अमेरिका में लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। हाल ही में कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में स्थित BAPS स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया। यह घटना पिछले 10 दिनों में दूसरी बार है, जब किसी हिंदू मंदिर पर हमला हुआ है। मंदिर के बाहर लगे बोर्ड पर आपत्तिजनक नारे लिखे गए, जिसमें 'Hindus go back' जैसी बातें शामिल थीं। इससे पहले न्यूयॉर्क में भी इसी तरह की घटना सामने आई थी।

पुलिस कर रही है मामले की जांच  
सैक्रामेंटो काउंटी पुलिस इस घटना को 'हेट क्राइम' के तौर पर देख रही है। मंदिर के बाहर लगे साइन बोर्ड पर भारत सरकार का जिक्र करते हुए भी आपत्तिजनक बातें लिखी गईं। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की उम्मीद है। यह मंदिर रैंचो कॉर्डोवा इलाके में स्थित है, जो सैक्रामेंटो मथेर एयरपोर्ट के उत्तर में है।

मंदिर की पानी की लाइन भी काटी गई  
हमलावरों ने न केवल मंदिर के बोर्ड पर नारे लिखे, बल्कि मंदिर से जुड़ी पानी की लाइन भी काट दी। अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था। इससे पहले भी अमेरिका और कनाडा में खालिस्तान समर्थकों द्वारा हिंदू मंदिरों पर हमले होते रहे हैं। 

अमेरिकी सांसद ने की हमले की निंदा
अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में सैक्रामेंटो काउंटी का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद अमी बेरा ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, "सैक्रामेंटो काउंटी में धार्मिक घृणा और असहिष्णुता के लिए कोई जगह नहीं है। हमें ऐसे कृत्यों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।" बेरा के इस बयान का हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने भी समर्थन किया है।

 हिंदुओं को घर जाने के लिए कहा गया  
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने इस हमले को 'एंटी-हिंदू हेट क्राइम' करार दिया है। फाउंडेशन ने सांसद बेरा को धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह की घटनाएं हिंदू समुदाय को संदेश देती हैं कि उन्हें अमेरिका छोड़कर वापस भारत जाना चाहिए। यह हमला स्पष्ट रूप से हिंदू समुदाय को डराने और धमकाने के इरादे से किया गया था। दिवारों पर साफ लिखा गया कि मोदी-हिंदू गो बैक। 

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना  
यह पहली बार नहीं है जब BAPS स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया है। 17 सितंबर को न्यूयॉर्क स्थित इसी मंदिर पर हमला हुआ था, जिसे लेकर भारतीय कॉन्सुलेट ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी। कई अमेरिकी सांसदों ने भी इस घटना की निंदा की थी और अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की थी।