US Election Swing States Result: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के शुरुआती रुझानों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़त बना ली है। चुनावी दौड़ में निर्णायक भूमिका निभाने वाले 7 स्विंग स्टेट्स में उनकी पकड़ मजबूत होती दिख रही है। व्हाइट हाउस तक पहुंचने के लिए 270 इलेक्टोरल सीटों की जरूरत है, और स्विंग स्टेट्स में जीत के बिना ये संभव नहीं है। नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप ने जीत दर्ज की है, और अन्य 5 स्विंग स्टेट्स में भी वे बढ़त बनाए हुए हैं। यह बढ़त ट्रंप को व्हाइट हाउस की कुंजी दे सकती है।
स्विंग स्टेट्स की क्या है अहमियत
स्विंग स्टेट्स में कुल 93 इलेक्टोरल सीटें हैं, जो किसी भी पार्टी की जीत में निर्णायक होती हैं। इनमें से कुछ पर पिछली बार डेमोक्रेटिक पार्टी ने जीत हासिल की थी। रिपब्लिकन पार्टी को सिर्फ नॉर्थ कैरोलिना में जीत मिली थी। इस बार, ट्रंप ने नॉर्थ कैरोलिना के अलावा 5 दूसरे राज्यों में भी बढ़त बनाई है, जो उनकी जीत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इन राज्यों में जन समर्थन और रुझानों से इस बार भी कड़ी टक्कर का अनुमान है।
क्यों कहा जाता है इन्हें स्विंग स्टेट्स
अमेरिकी चुनाव में 7 स्विंग स्टेट्स का विशेष महत्व है। इन्हें स्विंग स्टेट्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन राज्यों में पार्टी समर्थन लगातार बदलता है, जिससे ये राज्य राष्ट्रपति का भाग्य तय करते हैं। मौजूदा समय में, इनमें से 6 राज्यों में डोनाल्ड ट्रम्प को बढ़त मिली है, जबकि कमला हैरिस केवल एक राज्य में आगे हैं। यदि यह रुझान नतीजों में बदलता हैं, तो डेमोक्रेट्स को बड़ा नुकसान हो सकता है। मुख्य स्विंग स्टेट्स, जैसे पेंसिल्वेनिया, उत्तरी कैरोलिना, जॉर्जिया, मिशिगन, एरिजोना, और विस्कॉन्सिन में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है।
जानें स्विंग स्टेट्स की अभी क्या है हालत
पेंसिलवेनिया: 19 इलेक्टोरल वोट, ट्रम्प 51.3% वोटों से आगे, हैरिस 47.8%।
उत्तरी कैरोलिना: 16 वोट, ट्रम्प 50.8%, हैरिस 48.1%।
जॉर्जिया: 16 वोट, ट्रम्प 51.1%, हैरिस 48.2%।
मिशिगन: 15 वोट, ट्रम्प 51.7%, हैरिस 46.5%।
एरिजोना: 11 वोट, ट्रम्प 49.7%, हैरिस 49.5%।
विस्कॉन्सिन: 10 वोट, ट्रम्प 50.7%, हैरिस 47.9%।
नेवाडा: 6 वोट, मतगणना जारी।
अमेरिका तीन कैटेगरी के स्टेट्स में बंटा है
अमेरिका में चुनावी राजनीति को समझने के लिए राज्यों को तीन मुख्य कैटेगरी में बांटा गया है: रेड स्टेट्स, ब्लू स्टेट्स, और स्विंग स्टेट्स (या पर्पल स्टेट्स)।हर एक कैटेगरी का अपना खास महत्व और चुनावी पैटर्न होता है।
रेड स्टेट्स: रेड स्टेट्स वे राज्य हैं जहां रिपब्लिकन पार्टी का वर्चस्व है। इन राज्यों में आमतौर पर रिपब्लिकन उम्मीदवारों की जीत होती है। उदाहरण के लिए, अलबामा, अर्कांसस, फ्लोरिडा, और टेक्सास जैसे राज्य इस श्रेणी में आते हैं। इन राज्यों में 1980 से रिपब्लिकन पार्टी का प्रभाव बना हुआ है।
ब्लू स्टेट्स: ब्लू स्टेट्स वे राज्य हैं जहां डेमोक्रेटिक पार्टी का वर्चस्व है। इन राज्यों में डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों की लगातार जीत होती रही है, खासकर 1992 के बाद। प्रमुख ब्लू स्टेट्स में कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, और इलिनोस शामिल हैं।
स्विंग स्टेट्स (पर्पल स्टेट्स): स्विंग स्टेट्स या पर्पल स्टेट्स वे राज्य हैं जहां न तो रिपब्लिकन और न ही डेमोक्रेट पार्टी का स्पष्ट वर्चस्व होता है। यहां चुनाव परिणाम अक्सर अप्रत्याशित होते हैं और दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर होती है।
ये हैं अमेरिका के रेड स्टेट्स
रेड स्टेट्स वे राज्य हैं जहां रिपब्लिकन पार्टी का वर्चस्व है। इनमें अलबामा, अलास्का, अर्कांसस, आयोवा, इंडियाना, कंसास, लुइसियाना, मिसिसिपी, मिसूरी, मोंटाना, नॉर्थ डकोटा, ओक्लाहोमा, साउथ कैरोलिना, साउथ डकोटा, टेक्सास और वर्जीनिया शामिल हैं।
ये हैं ब्लू स्टेट्स
ब्लू स्टेट्स वे राज्य हैं जहां डेमोक्रेटिक पार्टी का वर्चस्व है। इनमें कैलिफोर्निया, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, हवाई, इलिनॉय, मैरीलैंड, न्यू जर्सी, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क और वाशिंगटन शामिल हैं।
पेंसिल्वेनिया में कड़ा मुकाबला
पेंसिल्वेनिया , जहां सबसे ज्यादा 19 इलेक्टोरल सीटें हैं, स्विंग स्टेट्स में अहम है। दोनों पार्टियों ने यहां जोर-शोर से प्रचार किया है। इस राज्य में ट्रम्प ने कई बड़े मुद्दे उठाए हैं, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी ने आर्थिक सुधार और महामारी प्रबंधन के कार्यों को सामने रखा है। हाल के हफ्तों में, यहां विज्ञापनों पर भारी खर्च भी हुआ है, जिससे इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का अंदाजा लगाया जा सकता है।
विस्कॉन्सिन को लेकर ट्रम्प का बयान
विस्कॉन्सिन में चुनावी संघर्ष भी जोर-शोर से जारी है। ट्रम्प ने यहां बढ़त बनाने की कोशिश की है, और उनका कहना है कि इस राज्य में जीत पूरे चुनाव में उनके लिए निर्णायक साबित हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प ने वादा किया है कि अगर वह इस राज्य को जीतते हैं तो उन्हें व्हाइट हाउस की राह आसान हो जाएगी।
मिशिगन में मुस्लिम वोटर्स का मुद्दा
मिशिगन में भी इस बार ट्रम्प की नजर है, जहां पर अरब-अमेरिकी मुस्लिम समुदाय का बड़ा वोटबैंक है। गाजा संघर्ष को लेकर इस समुदाय में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। ऐसे में ट्रम्प ने अपनी नीतियों को इस समुदाय के हितों से जोड़ने की कोशिश की है। हालांकि, यहां डेमोक्रेटिक पार्टी को अश्वेत वोटर्स का समर्थन मिलने की उम्मीद है।
एरिजोना में प्रवासियों से जुड़ा मुद्दा अहम
एरिजोना में मैक्सिको से सटे होने के कारण प्रवासी समस्या बड़ा चुनावी मुद्दा है। ट्रम्प ने प्रवासी मुद्दे को इस बार अपनी चुनावी रणनीति का मुख्य बिंदु बनाया है। 2020 में बाइडेन ने यहां मामूली अंतर से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार प्रवासी मुद्दे पर ट्रम्प का फोकस इस राज्य में उनकी स्थिति मजबूत कर सकता है।
जॉर्जिया और नेवाडा में कड़ा मुकाबला
जॉर्जिया और नेवाडा में भी दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है। जॉर्जिया, जहां बाइडेन ने पिछली बार ट्रम्प को मात दी थी, एक अहम स्विंग स्टेट बना हुआ है। नेवाडा में बेरोजगारी और आर्थिक मुद्दों को लेकर चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। पिछले चुनाव में यहां भी वोट का मार्जिन कम था, और इस बार भी कड़ी टक्कर की उम्मीद है।