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Bhojan Karne Ki Sahi Disha: वास्तु शास्त्र में भोजन बनाने से लेकर उसे खाने तक के संदर्भ में वास्तु नियम निर्धारित है। वास्तु के अनुसार, हर व्यक्ति को हमेशा जमीन पर पालथी मार बैठकर ही भोजन करना चाहिए। हालांकि, आप डाइनिंग टेबल पर भी बैठकर भोजन कर सकते है, लेकिन इसके लिए भी वास्तु दिशा का ध्यान रखें।

Bhojan Karne Ki Sahi Disha: वास्तु शास्त्र हमारी जिंदगी में काफी महत्त्व रखता है। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में वास्तु नियमों का पालन भी उतना ही जरुरी है, जितना कि जीवित रहने के लिए खाना-पीना। सनातन धर्म में न सिर्फ खाना-पीना बल्कि खाना बनाने की जगह को लेकर भी वास्तु नियम निर्धारित है। जी हां, रसोई घर में जहां हम खाना बनाते है, उसे स्वच्छ रखना जरुरी होता है। यदि हम ऐसा नहीं करते है तो मां अन्नपूर्णा की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। 

वास्तु शास्त्र में भोजन बनाने से लेकर उसे खाने तक के संदर्भ में वास्तु नियम निर्धारित है। वास्तु के अनुसार, हर व्यक्ति को हमेशा जमीन पर पालथी मार बैठकर ही भोजन करना चाहिए। हालांकि, आप डाइनिंग टेबल पर भी बैठकर भोजन कर सकते है, लेकिन इसके लिए भी वास्तु दिशा का ध्यान रखें। 

भोजन करने की सही दिशा 
(Khana Khane Ki Sahi Disha) 

खाना खाने के लिए पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे अच्छा माना गया है। कहते है, इस दिशा में मुंह कर खाना खाने से दिमाग ऊर्जावान बना रहता है। साथ ही व्यक्ति की पाचन स्थिति भी बेहतर बनी रहती है। वहीं, यदि भूलकर भी दक्षिण दिशा में बैठकर खाना खाते है तो कर्ज की समस्या बढ़ने लगती है। 

खाना खाने से जुड़े वास्तु टिप्स
(Khana Khane Ke Vastu Tips) 

  • - भोजन करने से पहले भोजन मंत्र का जप करना शुभ माना जाता है। 
  • - हमेशा जमीन पर बैठकर भोजन करने से सकारात्मक बने रहते है। 
  • - थाली में आवश्यकता से अधिक भोजन अशुभ प्रभाव डालता है। 
  • - खाना खाने के बाद थाली में हाथ धोने से दुर्भाग्य बढ़ोतरी होती है। 
  • - बिस्तर पर बैठकर भोजन नहीं करें और शेष नमक को न फेंके। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।
 

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