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Dhanteras Par Kya Nahi Kharide: धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा। धनतेरस पर सोना-चांदी, बर्तन और अन्य सामान खरीदकर घर लाने की परंपरा रही है, जिसे शुभ माना गया है। लेकिन, कुछ चीजें ऐसी है जिन्हें भूलकर भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदना चाहिए, वरना घर में परेशानियां और आर्थिक तंगी आ सकती है।

Dhanteras Par Kya Nahi Kharide: धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा। हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाले यह पर्व बेहद खास महत्व रखता है। इस दिन मां लक्ष्मी, धन्वन्तरि जी और कुबेर देव की पूजा होती है। धनतेरस पर सोना-चांदी, बर्तन और अन्य सामान खरीदकर घर लाने की परंपरा रही है, जिसे शुभ माना गया है। लेकिन, कुछ चीजें ऐसी है जिन्हें भूलकर भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदना चाहिए, वरना घर में परेशानियां और आर्थिक तंगी आ सकती है। चलिए जानते है उन 5 चीजों के बारे में  ..जिन्हें धनतेरस पर नहीं खरीदना चाहिए। 

धनतेरस पर क्या नहीं खरीदना चाहिए?

- धनतेरस के दिन प्लास्टिक या सिंथेटिक से बनी चीजें खरीदना अशुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, इस तरह की चीजों को धनतेरस के दिन घर-परिवार में लाने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ये चीजें घर-परिवार में अनिष्ट समय की शुरुआत करती है। 

- वास्तु शास्त्र के अनुसार धनतेरस के दिन पुरानी सेकंड हेंड चीजें अथवा किसी के द्वारा इस्तेमाल की गई चीजें खरीदना अशुभ होता है। इन चीजों की खरीद घर-परिवार में नकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ पुराने विचार और कई तरह के संकट लेकर आती है। 

- धनतेरस के शुभ अवसर पर घर में काले रंग की चीजों की खरीदकर नहीं लाना चाहिए। वास्तु शास्त्र में काले रंग की चीजों को अशुभ माना गया हैं। 

- ज्योतिष के मुताबिक धनतेरस पर कांच के बर्तन भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए। इस तरह की चीजों का आसानी से टूटने का भय बना रहता है। इस तरह की चीजों को धनतेरस पर खरीदकर घर लाने से परिवार की सुख-शांति में बाधा उत्पन होने लगती है। 

- लोहे की चीजों की धनतेरस पर खरीद करना अशुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, लोहे की प्रकृति ठंडी होती है और यह वजन में भी भारी होती है। इस वजह से लोहे की चीजों को घर में लाने से परिवार के लोगों की ऊर्जा भी ठंडी पड़ने लगती है। इसके अलावा नुकीली चीजें भी धनतेरस पर न खरीदें। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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