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Tips for Car Buyers: नई कार लेने से पहले प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) करना आपकी गाड़ी को लेकर किसी भी संभावित समस्या को पहले ही पहचानने में मदद करता है। कार खरीदने से पहले सावधानियां रखें।

Tips for Car Buyers: फेस्टिव सीजन में कार की खरीदारी के दौरान सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है, ताकि आप किसी डिफेक्टेड वाहन को खरीदने से बच सकें। नई कार खरीदने वालों के लिए जरूरी है कि वे डिलीवरी से पहले प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) करना न भूलें। अगर सावधानी न बरती जाए, तो डीलर आपको खराब या डैमेज कार थमा सकता है। यहां 7 आसान स्टेप्स में समझें कि कार की डिलीवरी से पहले क्या करना जरूरी है।

PDI क्या है? 
PDI (प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन) वह प्रक्रिया है जिसमें कार की डिलीवरी से पहले उसके सभी हिस्सों की जांच की जाती है। इसमें कार के इंटीरियर, एक्सटीरियर, इंजन और फीचर्स की अच्छी तरह से जांच होती है।

PDI क्यों जरूरी है?
कार खरीदते वक्त यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि गाड़ी में कोई भी छिपी हुई तकनीकी या फिजिकल समस्या न हो। PDI आपको गाड़ी रजिस्टर होने से पहले किसी भी समस्या को पकड़ने का मौका देता है। इसे ऐसे स्थान पर करना चाहिए जहां पर्याप्त रोशनी हो, ताकि गाड़ी के हर हिस्से को अच्छे से जांचा जा सके।

PDI कैसे करें?

  • चेकलिस्ट तैयार करें: कार के सभी अहम हिस्सों की जांच के लिए एक लिस्ट बनाएं, जिसमें एक्सटीरियर, इंटीरियर, इंजन, फीचर्स, और टायर जैसी चीजें शामिल हों।
  • बाहरी जांच (एक्सटीरियर): कार के चारों ओर ध्यान से देखें कि कहीं कोई स्क्रैच, डेंट, या पेंट खराबी तो नहीं है। टायर और एलॉय व्हील्स की भी जांच करें। अगर टायर लंबे समय तक खड़े रहने से खराब हो गए हों तो बदलने की मांग करें।
  • भीतरी जांच (इंटीरियर): डैशबोर्ड, सीट्स, और मिरर की जांच करें। सभी स्विच, AC, और अन्य फीचर्स को जांचें कि वे सही ढंग से काम कर रहे हैं या नहीं।
  • इंजन और ओडोमीटर की जांच: इंजन के सभी फ्लूइड लेवल्स जैसे इंजन ऑयल, कूलेंट, और ब्रेक फ्लूइड को चेक करें। इंजन स्टार्ट कर उसकी आवाज और ओडोमीटर की रीडिंग देखें, जो 30-50 किमी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • दस्तावेजों की जांच: सभी जरूरी दस्तावेज जैसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस, और वारंटी कार्ड को चेक करें। इंजन और चेसिस नंबर की जांच करें कि वे डॉक्युमेंट्स से मेल खाते हैं या नहीं।
  • टेस्ट ड्राइव करें: गाड़ी चलाकर स्टीयरिंग, ब्रेक, और सस्पेंशन की जांच करें। यह भी देखें कि गाड़ी में कोई असामान्य आवाज या वाइब्रेशन तो नहीं आ रही है।
  • इंस्पेक्शन का वीडियो बनाएं: PDI के दौरान पूरी जांच का वीडियो बना सकते हैं ताकि कोई समस्या होने पर आपके पास रिकॉर्ड हो।
  • डिलीवरी के बाद क्या करें? इनवॉइस (बिल) ध्यान से चेक करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई हिडन चार्ज न हो। यदि किसी तरह का सर्विस या हैंडलिंग चार्ज दिखे तो तुरंत आपत्ति जताएं।

अन्य जरूरी सावधानियां
डीलर अगर PDI से मना करे तो यह संकेत हो सकता है कि गाड़ी में कुछ समस्या है। ऐसी स्थिति में गाड़ी लेने से मना करें। 
PDI में कोई बड़ी समस्या मिलने पर उस गाड़ी को लेने से बचें, ताकि भविष्य में आपको अतिरिक्त खर्च न उठाना पड़े।

(मंजू कुमारी)
 

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