Bharat NCAP: आज के समय में कार खरीदारों में सुरक्षा को लेकर जागरूकता काफी बढ़ गई है। लोग सेफ्टी रेटिंग वाली कारों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे ऑटोमोबाइल कंपनियां भी स्वेच्छा से अपने वाहनों का क्रैश टेस्ट करा रही हैं। अब भारत में कारों की क्रैश टेस्टिंग Bharat NCAP (New Car Assessment Program) के तहत की जाती है, जिसमें वाहनों को 0 से 5 स्टार के बीच सेफ्टी रेटिंग दी जाती है। इससे पहले, यह टेस्टिंग Global NCAP के तहत होती थी।
क्रैश टेस्ट के दौरान कार की स्पीड कितनी होती है?
Bharat NCAP के अनुसार, क्रैश टेस्ट के दौरान वाहन की गति अलग-अलग परिस्थितियों में भिन्न होती है। अगर कार का फ्रंटल क्रैश टेस्ट किया जाता है, तो इसकी गति 64 km/h रखी जाती है, जबकि साइड क्रैश टेस्ट के दौरान यह गति 50 km/h होती है। वहीं, पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट में कार की गति 29 km/h निर्धारित की जाती है। ये सभी आंकड़े Bharat NCAP द्वारा निर्धारित किए गए हैं और इन्हीं मानकों के आधार पर कारों को सेफ्टी रेटिंग प्रदान की जाती है।
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5-स्टार सेफ्टी रेटिंग प्राप्त करने वाली कारें
हाल ही में Bharat NCAP ने कई कारों को 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग प्रदान की है। इनमें Tata Curvv / Curvv.ev, Tata Nexon / Nexon.ev, Tata Punch.ev, Tata Harrier, Tata Safari और Citroen Basalt शामिल हैं। ये वाहन उच्चतम सुरक्षा मानकों पर खरे उतरे हैं और यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
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अगर आप नई कार खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो सेफ्टी रेटिंग को जरूर ध्यान में रखें। 5-स्टार रेटिंग वाली गाड़ियां बेहतर सुरक्षा प्रदान करती हैं और दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों को अधिक सुरक्षा देती हैं।
(मंजू कुमारी)