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Mauganj Police attacked: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में भीड़ ने ASI को पीट-पीटकर मार डाला। शनिवार (15 मार्च) शाम हुए हमले में शाहपुरा थाना प्रभारी और तहसीलदार सहित कई अधिकारी घायल हैं। आदिवासी युवक की मौत से लोग आक्रोशित हैं।

Mauganj Police attacked: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में शनिवार (15 मार्च) शाम भारी बवाल हो गया। आक्रोशित भीड़ ने पहले गांव के सनी द्विवेदी को बंधक बनाकर हत्या की। फिर उसे बचाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया। हमले में ASI रामचरण गौतम की मौत हो गई। जबकि, शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारती और हनुमना तहसीलदार कुमारे लाल पनिका समेत 9 पुलिसकर्मी घायल हो गए। 

शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में यह घटनाक्रम शनिवार शाम 6 बजे के करीब हुआ है। ग्रामीण दो माह पहले हुए अशोक आदिवासी की मौत से आक्रोशित थे। अशोक की मौत सड़क हादसे में हुई थी, लेकिन परिजन सनी द्विवेदी पर हत्या का आरोप लगा रहे थे। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी नहीं की तो आदिवासी परिवार ने शनिवार शाम 4 बजे उसे बंधक बना लिया। मारपीट करते हुए कलेक्टर-एसपी मौके पर बुलाने की बात करने लगे। 

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Mauganj Police attacked

थाना प्रभारी और तहसीलदार को गंभीर चोंट 
मऊगंज जिले के गड़रा गांव में हुई इस घटना में SAF के ASI रामचरण गौतम और सनी द्विवेदी की मौत हो गई है। जबकि, शहपुर थाना प्रभारी संदीप भारती और तहसीलदार कुमारे लाल पानिका को सिर में गंभीर चोंट आई है। तहसीलदार के हाथ-पैर भी फ्रैक्चर हो गए हैं। महिला पुलिस अधिकारियों ने खुद को कमरे में बंद कर जान बचाई। 

हमले में यह लोग भी घायल 
भीड़ ने हनुमना तहलीसदार कुमारे लाल पनिका को लाठी डंडों से पीटा है। उनके ड्राइवर दिनेश गोस्वामी ने बताया कि सिर में गंभीर चोट है। उनकी हालात नाजुक है। एएसआई जवाहर सिंह यादव और बृहस्पति पटेल भी गंभीर रूप से घायल हैं। फिलहाल, गांव में तनाव का महौल है। रीवा और मैहर जिले से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है।  

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महिला अधिकारियों ने ऐसे बचाई जान 
एसडीओपी अंकिता शूल्या और एसआई आरती वर्मा ने अपनी जान बचाने खुद को कमरे में बंद कर लिया। पुलिस फोर्स ने फायरिंग करते हुए दोनों महिला अधिकारियों को बाहर निकाला। सनी द्विवेदी का शव भी बाहर निकाल लिया गया। एसपी रसना ठाकुन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
 

यह है पूरा विवाद 
गड़रा गांव में 2 माह पहले अशोक आदिवासी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। परिवार ने शनि द्विवेदी पर अशोक की हत्या का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की थी। पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की को आदिवासी परिवार ने होली के दिन शाम 4 बजे सनी द्विवेदी को पकड़कर कमरे में बंद कर दिया और जमकर मारपीट की। जिससे शनि की मौत हो गई। 

गड़रा गांव में धारा 163 लागू 
कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने बताया, दो गुटों में विवाद को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए थे। फिलहाल गड़रा गांव में धारा 163 लागू की गई है। हालात पर नियंत्रण के लिए सीधी और रीवा जिले से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया है। सतना पुलिस को भी अलर्ट किया गया है। 

मृतक के भाई और पिता भी हमला 
भीड़ ने मृतक सनी द्विवेदी के भाई रोहन और पिता रजनीश द्विवेदी से भी मारपीट की है। रोहन ने पुलिस को बताया, पिताजी को कॉल कर किसी ने घटना की जानकारी दी थी, जिस पर मैं पहुंचा तो आरोपी कहने लगे जब तक एसपी-कलेक्टर नहीं आएंगे, सनी हो नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने मेरे साथ मारपीट की। इस बीच पिताजी और मेरी बहन भी आ गई। आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की है।  

कमरे में बंद कर बचाई जान 
रजनीश द्विवेदी ने बताया, सनी दोपहर 12 बजे तक घर आ जाता था, लेकिन शनिवार को उसका मोबाइल स्विच ऑफ था। 10 मिनट बाद मेरे पास कॉल आया कि अशोक कोल के घर में उसे बंधक बनाया गया है। हम वहां पहुंचे तो आरोपियों ने हमला कर दिया। हम लोगों ने खुद को कमरे बंद कर जान बचाई। 

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जीतू पटवारी ने उठाए सवाल 
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने घटना के वीडियो शेयर कर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव को टैगकर लिखा-मप्र की कानून व्यवस्था जंगलराज से भी बदतर है। यहां पुलिस भी सुरक्षित नहीं हैं। इस घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार बेलगाम अपराधों और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए विधानसभा में विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करे। 

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