Exchange Traded Funds: दुनियाभर के बाजारों में उतार-चढ़ाव और तेजी से बदलते माहौल में अधिकांश निवेशकों के लिए इक्विटी निवेश अब भी जटिल है। इस स्थिति में जो निवेशक शेयर मार्केट के ट्रेंड को लेकर ज्यादा रिसर्च नहीं कर सकते या कम रिस्क के साथ शानदार रिटर्न चाहते हैं, उनके लिए "एक्सचेंज ट्रेडेड फंड" (ETF) इंवेस्टमेंट का शानदार विकल्प हो सकता है। इसे पैसिव फंड्स के नाम से भी जाना जाता है। आज भी ज्यादातर लोगों को ईटीएफ के बारे में कम जानकारी है। मार्केट एक्सपर्ट अमिताभ मनिया जैन से समझिए, पैसिव फंड के जुड़ी अहम बातें...
1) आखिर ईटीएफ (ETF) है क्या?
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ एक नया निवेश विकल्प है, जो विभिन्न संपत्तियों को एक साथ लाने का कार्य करता है। इस फंड में कोई शेयर शामिल नहीं होते हैं, बल्कि यह स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी और सेंसेक्स जैसे मार्केट इंडेक्स के आधार पर तैयार किया जाता है। एक्सचेंज इंडेक्स के अलावा गोल्ड और सिल्वर के भी ईटीएफ बाजार में मौजूद हैं।
2) ईटीएफ कैसे काम करता है?
ईटीएफ विभिन्न सेक्टरों, शेयरों, और संपत्तियों में निवेश करने का अच्छा तरीका है, जिससे निवेशकों को विविधता का लाभ होता है। क्योंकि यह इंडेक्स को ट्रैक करता है। इंडेक्स के उतार-चढ़ाव के साथ इसकी वैल्यू घटती बढ़ती है।
3) ईटीएफ में कम जोखिम कैसे?
इंडेक्स फंड्स में अलग-अलग सेक्टर और बड़े शेयर शामिल होने से उतार-चढ़ाव का जोखिम कम रहता है। जब बाजार गिरता है तो कोई न कोई सेक्टर इसे ऊपर बनाए रखता है और ईटीएफ में ज्यादा गिरावट नहीं आती है।
4) डाइवर्सिफिकेशन का भी लाभ?
पैसिव इंडेक्स फंड सेंसेक्स जैसे इंडेक्स को ट्रैक करते हैं। इसकी वजह से इंडेक्स में शामिल सभी शेयरों में निवेश बना रहता है। जो सुरक्षित, लिक्विड और कम रिस्क में निवेश अवसर प्रदान करता है। सही रिसर्च और एक्सपर्ट्स की सलाह से बेहतर रिटर्न ले सकते हैं।
5) बेहतर रिटर्न और कम लागत?
ईटीएफ की लागत कम होती है और इसे खरीदना और बेचना सामान्य म्युचुअल फंड्स की तुलना में सस्ता होता है। पैसिव फंड्स में लंबी अवधि में रिटर्न बढ़ता जाता है। अभी ज्यादातर इंडेक्स फंड 17-21% सालाना रिटर्न दे रहे हैं।
(नोट: ईटीएफ निवेशकों को सुरक्षित, लिक्विड और कम रिस्क में निवेश का अवसर प्रदान करता है। लेकिन बेहतर रिटर्न के लिए सही रिसर्च और एक्सपर्ट्स की सलाह जरूरी है)