Expert Anylysis: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार(1 फरवरी ) को बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें कृषि, MSME, स्टार्टअप्स, कर सुधार और बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बजट का मकसद आर्थिक विकास में तेजी लाना और करदाताओं को राहत देना है। चार्टर्ड अकाउंटेंट के.के. पांडे के मुताबिक, सरकार ने राजकोषीय घाटे को 4.4% तक सीमित रखते हुए पूंजीगत व्यय को बढ़ाने का फैसला किया है। यह रणनीति देश में निवेश को बढ़ावा देने और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को मजबूत करने में मदद कर सकती है। यहां, पढें, बजट 2025 पर एक्सपर्ट एनालिसिस।

इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव से मध्यम वर्ग को कितनी राहत?
चार्टर्ड अकाउंटेंट के.के. पांडे के मुताबिक, इस बार इनकम टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले 2.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 4 लाख कर दिया गया है। साथ ही, 8 लाख तक की आय पर सिर्फ 5% टैक्स रखा गया है। के.के. पांडे कहते हैं, यह बदलाव मध्यम वर्ग को सीधा लाभ देगा, क्योंकि उनकी टैक्स देनदारी कम होगी।"वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी TDS छूट की सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है, जिससे पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, किराए पर लगने वाले TDS की सीमा बढ़ाकर ₹6 लाख करने से किरायेदारों पर टैक्स का बोझ घटेगा।  

MSME और स्टार्टअप्स को राहत से क्या कारोबार बढ़ेगा?  
चार्टर्ड अकाउंटेंट के.के. पांडे कहते हैं कि सरकार ने MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। स्टार्टअप्स के लिए ₹10,000 करोड़ का नया कोष बनाया गया है, जिससे नए उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, SC/ST और महिला उद्यमियों के लिए ₹2 करोड़ तक का सस्ता ऋण देने की योजना भी लाई गई है। पांडे का कहना है कि MSME वर्गीकरण मानदंड में संशोधन से छोटे उद्योगों को बड़ा फायदा होगा। इससे अधिक व्यवसायों को MSME का दर्जा मिलेगा और वह सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।"  

कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था: क्या किसानों को होगा लाभ?
बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों में विशेष कार्यक्रम लागू किया जाएगा, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है। सीए पांडे कहते हैं कि यह किसानों के लिए राहतभरा कदम है, क्योंकि उन्हें कम ब्याज दर पर अधिक ऋण मिलेगा, जिससे कृषि निवेश बढ़ेगा। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना से स्थानीय किसानों को फायदा होगा और उनके उत्पादों की कीमतें बेहतर होंगी।  

बुनियादी ढांचे और निवेश पर जोर
चार्टर्ड अकाउंटेंट के.के. पांडे ने कहा कि इस बार सरकार ने राज्यों को 50 वर्षों के ब्याज-मुक्त ऋण के तहत ₹2.5 लाख करोड़ देने का ऐलान किया है। इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को रफ्तार मिलेगी। UDAN योजना के विस्तार से 120 नए एयरपोर्ट और हेलिपैड बनाए जाएंगे। परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत ₹20,000 करोड़ का बजट रखा गया है, जिससे छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) विकसित किए जाएंगे। के.के. पांडे का मानना है कि इन्वेस्टमेंट में बढ़ोतरी से दीर्घकालिक विकास होगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

GST और कस्टम ड्यूटी में बदलाव से क्या होगा असर?
GST सरलीकरण के साथ सरकार ने 36 जीवनरक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटा दी है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स और EV बैटरियों पर टैक्स रियायत दी गई है। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देगा। के.के. पांडे कहते हैं कि यह बदलाव उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे लागत कम होगी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश बढ़ेगा।

क्या यह बजट संतुलित है?
बजट 2025-26 में सरकार ने निवेश, कृषि, MSME, स्टार्टअप्स और करदाताओं को राहत देने की कोशिश की है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि राजकोषीय घाटा नियंत्रित रखना चुनौती होगी। के.के. पांडे के मुताबिक,यह बजट संतुलित नजर आ रहा है, लेकिन इसका असली असर आने वाले महीनों में दिखेगा। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर कैसे लागू करती है और क्या यह आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरता है।