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Gautam Adani: गौतम अडाणी ने वर्क-लाइफ बैलेंस पर चल रही बहस में मजेदार टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "अगर आप परिवार को 8 घंटे देंगे, तो बीवी भाग जाएगी।" जानें क्यों कहा ऐसा।

Gautam Adani: गौतम अडाणी ने वर्क-लाइफ बैलेंस पर चल रही बहस को लेकर मजेदार टिप्पणी की है। अडाणी ग्रुप के चेयरमैन ने एक इंटरव्यू में कहा, "अगर आप परिवार को 8 घंटे देंगे, तो बीवी भाग जाएगी।" अडाणी ने न्यूज एजेंसी के साथ इंटरव्यू में कहा कि बैलेंस का मतलब हर किसी के लिए अलग होता है। मेरे लिए खुशी ही जीवन का असली बैलेंस है। गौतम अडाणी की यह टिप्पणी इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के वर्क लाइफ बैलेंस से जुड़े बयान के बाद आया है। नारायण मूर्ति ने कहा कि देश के युवाओं को काम और लाइफ के बीच संतुलन बनानी होगी। देश के युवाओं को यूरोपीय देशों के युवाओं की तरह सप्ताह में कम से कम 70 घंटे काम करना होगा।

संतुलन आपके हिसाब से बनता है
गौतम अडाणी ने वर्क-लाइफ बैलेंस पर कहा कि यह पूरी तरह व्यक्तिगत मामला है। उन्होंने समझाया कि कोई चार घंटे परिवार के साथ बिताकर संतुलित महसूस करता है, तो कोई आठ घंटे देकर। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, "अगर आप परिवार को 8 घंटे देंगे, तो बीवी भाग जाएगी।" अडाणी का मानना है कि दूसरों पर अपना संतुलन नहीं थोपना चाहिए। हर व्यक्ति की खुशी और प्राथमिकताएं अलग होती हैं।  अडाणी ने कहा कि जिंदगी तब आासान बन जाती है , जब आप वही करें जो आपको पसंद है। 

खुशी में छिपा है बैलेंस का राज
अडाणी ने खुशी को जीवन में बैलेंस बनाने का सबसे बड़ा आधार बताया। अडाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा , "आपका जीवन तब आसान होता है, जब आप अपनी नश्वरता को स्वीकार कर लेते हैं।"संतुलन तब आता है, जब आप वही करें जो आपको पसंद हो। उन्होंने बताया कि परिवार और काम के बीच सही मेल ही असली खुशी देती है। अडाणी ने यह भी कहा कि बच्चे अपने माता-पिता से सीखते हैं, इसलिए परिवार को भी प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है।  

70 घंटे काम पर क्या है अडाणी का नजरिया
गौतम अडाणी का यह बयान नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम करने की सलाह के बाद आया। मूर्ति ने कहा था कि भारत को विकसित देशों की बराबरी के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी। हालांकि, अडाणी ने कहा कि मैं इसे लेकर अलग नजरिया रखता हूं। मेरे हिसाब से काम और परिवार का संतुलन ही असली सफलता की कुंजी है। अडाणी ने कहा कि केवल काम में डूबने से जीवन का आनंद अधूरा रह जाता है।  

काम और परिवार का मेल जरूरी
अडाणी ने कहा कि परिवार और काम के बीच संतुलन ने मुझे हमेशा खुश रखा है। जो समय आप परिवार और काम के लिए देते हैं, वह आपको जीवन में आगे बढ़ने की ताकत देता है। परिवार के साथ बिताया गया समय न केवल आपको सुकून देता है, बल्कि आपको नई ऊर्जा से भरता है। यह जीवन का सबसे बड़ा सबक है। अपने काम को बेहतर तरीके से करते हुए अपने परिवार के लिए समय निकालने और उनके साथ खुशियां बांटने से जीवन बेहतर बनता है। 

अपनी प्राथमिकताओं को पहचानें
गौतम अडाणी ने कहा कि हर इंसान का वर्क लाइफ बैलेंस अलग-अलग होता है। इसे किसी पर थोपा नहीं जा सकता। खुशी और संतुलन का राज आपकी प्राथमिकताओं में छिपा है। जो चीजें आपको और आपके अपनों को खुशी दें, वही आपका संतुलन है। यही जीवन का सबसे बड़ा सच है। अडाणी ने कहा कि लोगों को अपनी खुशियों को समझना चाहिए और अपने जीवन को आसान बनाना चाहिए।  

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