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State Startup Ranking: हिमाचल प्रदेश 'स्टेट स्टार्टअप रैंकिंग 2022' में 'बेस्ट परफॉर्मर' के रूप में उभरा है। यह उपलब्धि 1 करोड़ से कम जनसंख्या वाले राज्यों की श्रेणी में हासिल की।

State Startup Ranking: अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण वादियों के लिए प्रसिद्ध हिमाचल प्रदेश अब एक नई पहचान बना रहा है। हिमाचल प्रदेश 'स्टेट स्टार्टअप रैंकिंग 2022' में 'बेस्ट परफॉर्मर' के रूप में उभरा है। यह उपलब्धि 1 करोड़ से कम जनसंख्या वाले राज्यों की श्रेणी में हासिल की। हिमाचल प्रदेश ने साबित कर दिया कि नवाचार और उद्यमशीलता सीमाओं तक सीमित नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से जारी रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पांच राज्यों में हिमाचल प्रदेश ने भी अपनी जगह बनाई है। इस लिस्ट में जो दूसरे राज्य हैं, उनमें गुजरात, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं।

स्टार्टअप्स का हब बना हिमाचल
राज्य में 144 DPIIT प्रमाणित स्टार्टअप्स विभिन्न क्षेत्रों जैसे एग्रीटेक, पर्यटन और आईटी में सक्रिय हैं। ये स्टार्टअप न केवल रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा दे रहे हैं।

राज्य की स्टार्टअप नीति
2019 में शुरू की गई हिमाचल प्रदेश की स्टार्टअप नीति, उद्यमियों के लिए वित्तीय सहायता और अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन देती है। स्टार्टअप्स के लिए सरकार बड़े स्तर पर मदद करती है, जो इस प्रकार है:

  • ₹25 लाख तक की सीड फंडिंग
  • टैक्स में छूट और सब्सिडी।
  • सरल पंजीकरण प्रक्रियाएं।

ग्रामीण महिलाएं भी विकास में दे रहीं योगदान
हिमाचल प्रदेश के स्टार्टअप इकोसिस्टम की एक अनूठी विशेषता इसकी समावेशिता है। जैसे कार्यक्रम, वीमेन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफॉर्म (WEP)। राज्य ने ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से सशक्त बनाने पर भी जोर दिया है। ये समूह महिलाओं को छोटे व्यवसाय चलाने के लिए आवश्यक कौशल, वित्तीय सहायता और सामूहिक शक्ति प्रदान करके उनकी आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

हिमाचल प्रदेश में SHGs विशेष रूप से एग्रीफूड सेक्टर में सक्रिय हैं, जहां वे जैविक जैम, अचार, जूस और हर्बल चाय जैसे मूल्य-वर्धित उत्पादों का उत्पादन कर रही हैं। ये उत्पाद अक्सर स्थानीय रूप से उगाए गए फलों, सब्जियों और जड़ी-बूटियों से बनाए जाते हैं, जिससे महिलाएं जैविक और स्वास्थ्य-सचेत खाद्य उत्पादों की बढ़ती मांग का लाभ उठा सकती हैं।

इसके अलावा, हिमाचल के कारीगर SHGs के माध्यम से पारंपरिक शिल्प जैसे ऊनी शॉल, हथकरघा वस्त्र, मिट्टी के बर्तन और लकड़ी की कलाकृतियों का निर्माण और विपणन करते हैं। ये ग्रामीण महिलाएं उत्पादन, डिजाइन और बाजार तक पहुंच के बारे में जानकर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए एक स्थायी आजीविका अर्जित कर रही हैं।

चुनौतियां और आगे का रास्ता
हालांकि प्रगति उल्लेखनीय है, लेकिन चुनौतियां बनी हुई हैं। शुरुआती चरण की फंडिंग तक पहुंच विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ी बाधा है। इसे संबोधित करने के लिए, राज्य स्थानीय फंडिंग तंत्र विकसित करने और अधिक निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। स्टार्टअप्स, कॉर्पोरेट्स और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करना भी एक प्राथमिकता है, ताकि नवाचार के नए रास्ते खोले जा सकें।

इस यात्रा का हिस्सा बनें
इस गति को बनाए रखना बेहद जरूरी होगा, ताकि हिमाचल प्रदेश का हर उभरता हुआ उद्यमी सफलता के लिए आवश्यक संसाधनों और समर्थन तक पहुंच प्राप्त कर सके। भविष्य असीम संभावनाओं से भरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश की इस क्रांति का हिस्सा बनें और नवाचार के इस नए युग को आगे बढ़ाने में सहयोग करें।

नवेश नरूला
अध्यक्ष- CII हिमाचल प्रदेश

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