Hindenburg Research Shut down:अडाणी समेत कई दिग्गज कंपनियों की पोल खोलने वाली अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च अब बंद होने जा रही है। बुधवार (15 जनवरी) की देर रात कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने इस फैसले का ऐलान किया। एंडरसन ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, 'हमने जो भी लक्ष्य तय किए थे, वह पूरे हो चुके हैं। अब कंपनी को बंद करने का समय आ गया है। इस फैसले के पीछे कोई निजी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं है।'  

लंबे विचार विमर्श के बाद लिया फैसला
नाथन एंडरसन ने कहा कि हमने लंबे विचार-विमर्श और योजनाओं के आधार पर यह फैसला लिया है। नाथन एंडरसन ने लिखा कि मैंने पिछले साल के अंत में ही अपने परिवार, दोस्तों और टीम के साथ इस फैसले के बारे में बताया था। हमारी योजना थी कि जिन विचारों पर कंपनी काम कर रही थी, उनके पूरे होते ही इसे बंद कर दिया जाएगा। हिंडनबर्ग 

हिंडनबर्ग रिपोर्ट से भारत में मची थी सनसनी
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 2017 में शुरुआत की थी। इसके बाद कंपनी ने कई बड़ी रिपोर्ट्स पेश कीं। इनमें अडाणी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज के खिलाफ की गई रिपोर्ट्स ने सनसनी मचा दी थी। अगस्त 2024 में हिंडनबर्ग ने SEBI चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी।इस रिपोर्ट ने भारत में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। इन खुलासों से अडाणी ग्रुप की मार्केट वैल्यू में अरबों डॉलर की गिरावट आई थी।  

भावुक संदेश में संघर्ष और सफर का किया जिक्र
नाथन एंडरसन ने अपने पोस्ट में कंपनी की यात्रा को याद करते हुए लिखा, “यह मेरे जीवन का सपना था। शुरुआत में संसाधनों की कमी, कानूनी मुकदमों और आर्थिक तंगी के बावजूद मैंने इसे आगे बढ़ाया। हमने अपनी रिपोर्ट्स के जरिए ऐसे साम्राज्यों को हिला दिया, जिन्हें हिलाना जरूरी था। हमने सच और सटीकता को अपने काम का आधार बनाया। शुरुआत में उनके पास सीमित संसाधन थे। कई बार उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एंडरसन ने कहा कि अपने करियर की वजह से मैं परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा समय नहीं बिता सका। 

बताई क्या है टीम की आगे की योजना
एंडरसन ने यह भी बताया कि अगले छह महीनों तक वह कंपनी की कार्यप्रणाली और जांच प्रक्रिया को ओपन-सोर्स करेंगे। साथ ही उन्होंने अपनी टीम को उनके नए सफर के लिए शुभकामनाएं दीं। कुछ सदस्य अपनी खुद की रिसर्च फर्म शुरू करेंगे। एंडरसन ने कहा कि वह सार्वजनिक तौर पर अपने रिसर्च फर्म शुरू करने वाले अपने टीम मेंबर्स को प्रोत्साहित करेंगे। 

क्या है हिंडनबर्ग नाम के पीछे की कहानी
हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम 1937 में हुए हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे पर रखा गया है। एंडरसन ने इस घटना से प्रेरित होकर कंपनी का नाम रखा था।उस समय जर्मनी का एक हवाई जहाज 'हिंडनबर्ग' क्रैश हो गया था, जिसमें 35 लोगों की मौत हो गई थी। एंडरसन का कहना है कि यह नाम रखने का मकसद फाइनेंनशियल वर्ल्ड में हो रही अनियमितताओं और घोटालों को उजागर करना था, ताकि भविष्य में ऐसे 'क्रैश' रोके जा सकें।