ITR Filing 2024: वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने की आज यानी 31 जुलाई आखिरी तारीख है। अभी भी कई टैक्सपेयर्स ने रिटर्न फाइल नहीं किया है। अगर आप भी आज रिटर्न फाइल करने वाले हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। क्योंकि करदाताओं के पास ई-फाइलिंग के लिए अब सिर्फ कुछ घंटे ही शेष हैं। अगर समय पर रिटर्न फाइल नहीं करेंगे तो भारी जुर्माना और ब्याज देना पड़ सकता है। ऐसे में रिटर्न फाइल करते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपका रिटर्न रिजेक्ट न हो।
वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर 5,000 रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। अब तक 5 करोड़ से ज्यादा ITR फाइल हो चुके हैं। टैक्स एक्सपर्ट आशीष गुप्ता (भोपाल) के मुताबिक, समय पर ITR फाइल करने से न केवल पेनल्टी से बचा जा सकता है, बल्कि इसके कई फायदे भी हैं, जैसे-
1) जुर्माने से बचाव:
निर्धारित तारीख के अंदर ITR दाखिल नहीं करने पर आपको जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। अगर किसी टैक्सपेयर की सालाना आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो उसे 5,000 रुपये की लेट फीस देनी होगी। अगर सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है, तो 1,000 रुपए की लेट फीस चुकानी होगी। समय पर ITR फाइल करने से इस जुर्माने से बचा जा सकता है।
2) ब्याज की बचत होगी:
इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, अगर किसी करदाता ने टैक्स नहीं चुकाया है या कुल टैक्स का 90% से कम चुकाया है, तो उसे सेक्शन 234B के तहत हर महीने 1% ब्याज पेनल्टी के रूप में चुकाना होगा। समय पर रिटर्न दाखिल करके इस ब्याज की बचत की जा सकती है।
3) नोटिस का डर नहीं:
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास आपकी आय की जानकारी कई सोर्स से पहुंच जाती है। टाइम पर ITR फाइल नहीं करने पर आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। नोटिस की परेशानियों से बचने के लिए समय पर ITR फाइल करना फायदेमंद है।
4) नुकसान कैरी फॉरवर्ड:
आयकर के नियमों के मुताबिक, तय तारीख तक ITR फाइल करने पर आप अपने नुकसान को अगले वित्त वर्षों के लिए कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं, जिससे आने वाले सालों में आपकी टैक्स देनदारी कम हो सकती है। उदाहरण के लिए- अगर शेयरों की बिक्री पर नुकसान हुआ है, तो उसे 8 सालों तक कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है। लेकिन समय पर रिटर्न फाइल नहीं करने पर यह सुविधा आपको नहीं मिलेगी।
5) टीडीएस रिफंड मिलेगा:
अगर आप सैलरीड हैं या कहीं पर आपका TDS काट लिया गया है तो उसे समय पर आयकर रिटर्न फाइल कर क्लेम किया जा सकता है। रिटर्न फाइलिंग के बाद टीडीएस रिफंड आपके बैंक अकाउंट में आता है, इसमें 10 से लेकर 30 दिन तक का समय लग सकता है। अगर आप देरी से रिटर्न फाइल करेंगे तो टीडीएस राशि का फायदा भी देरी से मिलेगा। इसलिए 31 जुलाई तक अपना आईटीआर फाइल करें और सभी फायदों का लाभ उठाएं।
6) नुकसान कैरी फॉरवर्ड:
आयकर के नियमों के मुताबिक, तय तारीख तक ITR फाइल करने पर आप अपने नुकसान को अगले वित्त वर्षों के लिए कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं, जिससे आने वाले सालों में आपकी टैक्स देनदारी कम हो सकती है। उदाहरण के लिए- अगर शेयरों की बिक्री पर नुकसान हुआ है, तो उसे 8 सालों तक कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है। लेकिन समय पर रिटर्न फाइल नहीं करने पर यह सुविधा आपको नहीं मिलेगी।
7) रिटर्न को ई-वेरिफाई करें:
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के बाद उसे ई-वेरिफाई (E-Verify) करना भी जरूर है। ऐसा नहीं करने पर आयकर विभाग आईटीआर को अमान्य माना जाएगा। ई-वेरिफाई होने के बाद एक्नॉलेजमेंट रिसिप्ट (ITR-V) को सेव करके रखें। यह आगे जरूरत पड़ने पर जांच में काम आ सकती है।