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RBI Bars Kotak Mahindra Bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) पर नए ऑनलाइन कस्टमर बनाने और क्रेडिट कार्ड जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।

RBI Bars Kotak Mahindra Bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) पर नए ऑनलाइन कस्टमर बनाने पर रोक लगा दी। रिजर्व बैंक ने कोटक महिंद्र बैंक से ऑनलाइन नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर भी रोक लगाने का कहा है। RBI ने बैंक को तत्काल प्रभाव से इस आदेश को मानने का निर्देश दिया है। हालांकि, बैंक अपने मौजूदा कस्टमर्स और क्रेडिट होल्डर्स को सर्विस देना जारी रख सकता है। आरबीआई ने डेटा सिक्योरिटी से जुड़ी चिंताओं और बैंक के पास पर्याप्त आईटी इंफ्रास्टक्चर नहीं होने का हवाला देते हुए बैंक पर हुए प्रतिबंध लगाया है। 

RBI की ओर से जारी किया गया बयान
आरबीआई की ओर से बुधवार को एक बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आज, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (Banking Regulation Act, 1949) की धारा 35ए के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड को तत्काल प्रभाव से अपने ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने नए क्रेडिट कार्ड जारी करने का काम बंद करने का निर्देश दिया है। हालांकि, बैंक अपने क्रेडिट कार्ड ग्राहकों समेत अपने मौजूदा ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करना जारी रख सकता है। 

बैंक ने बताया कि क्यों लगाई गई पाबंदियां
आरबीआई ने कहा कि कोटक महिंद्र बैंक की आईटी सुविधाओं की साल 2022 और 2023 के दौरान की गई जांच के दौरान कई अहम चिंताएं उजागर हुईं। बैंक इन चिंताओं को समय से और पूरी तरह से समाधान करने में विफल रहा। यही वजह है कि बैंक के खिलाफ यह एक्शन लिया जा रहा है। उपभाेक्ताओं को हितों को ध्यान में रखते हुए बैंक के ऊपर कुछ पाबंदियां लगाने का फैसला किया गया है। 

बैंक की इन तकनीकों में पाई गई खामियां
आरबीआई ने कहा है कि कोटक महिंद्र बैंक की ओर से आईटी इन्वेंट्री मैनेजमेंट और डेटा को सिक्योर करने के तरीके में गंभीर कमियां पाईं गई। इसके साथ ही पैच और चेंज मैनेजमेंट, यूजर एक्सेस मैनेजमेंट,वेंडर रिस्क मैनेजमेंट, डेटा सिक्योरिटी और डेटा लीक में रोकथाम से जुड़ी रणनीतियों, बिजनेस कंटीन्यूटी और डिजास्टर रिकवरी जैसी तकनीकों में कई तरह की खामियां पाईं गईं। दो साल से लगातार बैंक आईटी रिस्क और इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी गर्वमेंस में अपनी कमियों को दूर नहीं कर पाया, जबकि रेगुलेटरी गाइडलाइन में इन सभी तकनीकों का दुरुस्त रहना जरूरी है। 

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