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RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट यानी उधार दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। आरबीआई एमपीसी कमेटी का पूरा फोकस मुद्रास्फीति से निपटने पर है। जीडीपी सात फीसदी की रफ्तार से बढ़ने की संभावना है।

RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया है। यह लगातार 7वीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है। नए वित्तीय वर्ष में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MCP) की बैठक में 5:1 से रेपो रेट में बदलाव न करने का फैसला हुआ है। आरबीआई का तर्क है कि यह मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने के लिए किया गया है।

फिलहाल, लोकसभा चुनाव से पहले लोगों को उम्मीद थी कि रेपो रेट में बदलाव किया जा सकता है। लेकिन लोगों को मायूसी हाथ लगी है। इसका मतलब है कि ईएमआई में राहत अभी नहीं मिलेगी। 

जीडीपी की रफ्तार 7 फीसदी रहेगी
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने प्रमुख उधार दरों को अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान किया। रिजर्व बैंक एमपीसी ने 5 से 1 के बहुमत से रेपो दर को 6.50% पर स्थिर रखा है। शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी। पहली तिमाही में जीडीपी की रियल ग्रोथ 7.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी और तीसरे-चौथे तिमाही में 7 फीसदी जीडीपी की दर रहने का अनुमान है। 

उन्होंने आगे बताया कि स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) भी 6.25% पर और सीमांत स्थायी सुविधा 6.75% पर अपरिवर्तित बनी हुई है। दास ने कहा कि मौद्रिक नीति की प्राथमिकता मजबूत वृद्धि के बीच 4% मुद्रास्फीति लक्ष्य हासिल करना बनी हुई है।

महंगाई दर 4.5 फीसदी पर रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर ने महंगाई से लड़ने की प्रतिबद्धता को दोहराया है। वित्त वर्ष 2025 में महंगाई दर 4.5 फीसदी पर रहने का अनुमान है। यह आरबीआई की तरफ से तय 4 फीसदी के मीडियम लक्ष्य के काफी करीब है। कमेटी ने कहा कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई दर के पहले तिमाही में 4.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.8 फीसदी और तीसरी तिमाही में 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है। चौथे तिमाही में 4.5 फीसदी महंगाई दर रहने की संभावना है। 

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