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Pritam Chakraborty Robbery: म्यूजिक कंपोजर के प्रीतम चक्रवर्ती के ऑफिस से 40 लाख रुपए की चोरी हो गई है। कहा जा रहा है कि यह चोरी उनके स्टाफ ने ही की है। फिलहाल, सिंगर ने FIR दर्ज करा दी है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। 

Pritam Chakraborty Robbery: बॉलीवुड संगीतकार प्रीतम चक्रवर्ती (Pritam Chakraborty) को एक बड़ा झटका लगा है। म्यूजिक कंपोजर के ऑफिस से 40 लाख रुपए की चोरी हो गई है। कहा जा रहा है कि यह चोरी उनके स्टाफ ने ही की है। फिलहाल, सिंगर ने पुलिस को FIR दर्ज करा दी है और पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। 

यह मामला रविवार 9 फरवरी को उस वक्त हाइलाइट हुआ, जब पुलिस ने बताया कि मशहूर सिंगर कंपोजर प्रीतम चक्रवर्ती के ऑफिस में चोरी हुई है। इस मामले में मुबंई पुलिस का कहना है कि 40 लाख रुपए की यह भारी-भरकम रकम प्रीतम के मैनेजर विनीत छेदा ने रखी थी। वहीं, चोरी की घटना के बाद मलाड पुलिस स्टेशन में मैनेजर विनीत छेदा ने आकर FIR लिखवाई है। उन्होंने इस चोरी का आरोप अपने ही स्टाफ के एक कर्मचारी पर लगाया है। 

पैसों का बैग लेकर रफूचक्कर हुआ आरोपी 
पुलिस ने आरोपी की पहचान 32 वर्षीय आशीष सायल के रूप में की है और उसे पकड़ने के लिए टीमें बनाई हैं। लिस ने बताया कि घटना 4 फरवरी को दोपहर करीब 2 बजे हुई। एक प्रोडक्शन हाउस का कर्मचारी गोरेगांव स्थित प्रीतम चक्रवर्ती के म्यूजिक स्टूडियो, यूनिमुस रिकॉर्ड प्राइवेट लिमिटेड में आया और 40 लाख रुपये नकद से भरा बैग उनके मैनेजर विनीत चेड्डा को दिया। सायल, अहमद खान और कमल दिशा भी वहां मौजूद थे।

मैनेजर ने नकदी को ऑफिस के अंदर एक ट्रॉली बैग में रखा और फिर उसी बिल्डिंग में स्थित प्रीतम चक्रवर्ती के घर, कुछ दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर लेने के लिए चले गए। जब मैनेजर वापस आए तो सायल गायब था। उन्होंने सायल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया। जब सायल ने बाद में अपना फोन बंद कर दिया, तो चेड्डा को शक हुआ और उन्होंने प्रीतम चक्रवर्ती को सूचित किया।

प्रीतम चक्रवर्ती की सलाह पर, मैनेजर पुलिस स्टेशन गए और शिकायत दर्ज कराई। चोरी का मामला दर्ज किया गया है, और अधिकारी उसके रिश्तेदारों से संपर्क करके और उसके मोबाइल फोन रिकॉर्ड का विश्लेषण करके संदिग्ध का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं।

जांच अधिकारी ने बताया कि वे यह पता लगा रहे हैं कि क्या संदिग्ध ने हाल ही में पैसे उधार लिए थे, क्योंकि इससे चोरी के मकसद का पता लगाने में मदद मिल सकती है।


 

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