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Tulsi Gabbard: अमेरिकी में बुधवार (12 फरवरी) को तुलसी गबार्ड राष्ट्रीय खुफिया निदेशक बनाई गई हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस पद के लिए उन्हें नामित किया था। अमेरिकी सीनेट ने उनके इस प्रस्ताव को 48 के मुकाबले 52 मतों से मंजूरी दे दी।

Tulsi Gabbard: अमेरिकी में बुधवार (12 फरवरी) को तुलसी गबार्ड राष्ट्रीय खुफिया निदेशक बनाई गई हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस पद के लिए उन्हें नामित किया था। अमेरिकी सीनेट ने उनके इस प्रस्ताव को 48 के मुकाबले 52 मतों से मंजूरी दे दी। रिपब्लिकन नेताओं ने शुरू में संदेह जताया था, लेकिन सिर्फ मिच मैककॉनेल ने तुलसी के खिलाफ मतदान किया है। 

तुलसी गबार्ड ने नियुक्ति के बाद कहा, मैं इस देश की सुरक्षा के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण से काम करूंगी। पारदर्शिता और सुरक्षा के संतुलन को बनाए रखना हमारा प्रमुख उद्देश्य होगा।  

कौन हैं तुलसी गबार्ड? 

  • तुलसी गबार्ड पूर्व सैन्य कर्मी हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी से कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की सदस्य रह चुकी हैं। वह अमेरिका की 18 अलग-अलग खुफिया एजेंसियों में समन्वयक के तौर पर काम करेंगी।
  • तुलसी गबार्ड ने 2020 में डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की दावेदारी पेश की थी। अपेक्षित समर्थन न मिलने के कारण उन्हें उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी थी। 
  •  तुलसी गबार्ड का भारत से प्रत्यक्ष नाता नहीं है। उनकी मां ने हिंदू धर्म अपना लिया था। लिहाजा, बच्चों के नाम हिंदू धर्म के प्रतीकों से जुड़े हुए रखे। 
  •  तुलसी गबार्ड ने भागवत गीता पर हाथ रखकर संसद में शपथ ली थी। इससे उनकी धार्मिक पहचान और विश्वास सामने आते हैं। 

डेमोक्रटिक पार्टी ने किया विरोध 
तुलसी गबार्ड द्वारा पिछले दिनों रूस पर दिए बयान और सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद से मुलाकात के बाद विवाद शुरू हो गया था। लिहाजा, डेमोक्रटिक पार्टी के सदस्यों ने उनकी नियुक्ति का कड़ा विरोध किया। 

 

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