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Interview: कांग्रेस ने अरुण श्रीवास्तव को लोकसभा चुनाव के लिए भोपाल सीट से प्रत्याशी बनाया है। ‘हरिभूमि और आईएनएच’ न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने उनसे कई राजनीति मुद्दों पर खास बातचीत की। विस्तार से पढ़िए...

Interview: कांग्रेस पार्टी ने भोपाल संसदीय क्षेत्र के चुनावी रण को जीतने के लिए हर बार की तरह इस बार भी नया प्रयोग किया और कायस्थ समाज के अरुण श्रीवास्तव को मैदान में उतार दिया है। वे ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष रहे हैं। उनका मानना है कि कांग्रेस का कार्यकर्ता इसलिए उत्साहित है क्योंकि जमीनी कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाया है। दूसरा, कार्यकर्ता न केवल मत के लिए काम करेगा, बल्कि चुनाव के लिए संसाधन भी जुटाएगा। उनका यह भी मानना है कि भोपाल में लंबे समय से भाजपा के सांसद रहे हैं, लेकिन वे यहां की आवाज को संसद में उठाने में नाकामयाब रहे हैं। अगर जनता ने अरुण को मौका दिया तो संसद में भोपाल की आवाज सुनाई देगी। अगर आवाज नहीं उठा पाए तो वह सांसद नहीं रहेंगे। तीसरा, उनका मानना है कि देश जिस प्रकि्रया से गुजर रहा है, ऐसे में कांग्रेस का जीतना बेहद जरूरी है। इस दृष्टि से उनको वोट मिलना चाहिए। पढ़िए अरुण श्रीवास्तव से  ‘हरिभूमि’ और ‘आईएनएच’ न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी की खास बातचीत के प्रमुख अंश... 

सवाल: आपको कांग्रेस पार्टी ने चुनाव में उतार दिया, लोगों ने बधाई दी होगी, इसका आगे क्या असर दिखेगा?
जवाब: भोपाल राजधानी के अंदर हमारे पास कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज है। कार्यकर्ता ही हमें पूरे तन-मन-धन से सपोर्ट कर रहे हैं। हमने एक अभियान शुरू किया है एक रुपया और एक वोट। मैं 40 साल से पार्टी से जुड़ा हूं। हमने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा के लिए काम किया है। मैं डॉ. शर्मा, इंदिरा गांधी और पूर्व रक्षामंत्री जगजीवन राम के कार्यों से प्रभावित हूं। इन सभी को नजदीकी से देखा और यही लोग मेरे आदर्श हैं। हमारी माता जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। मुझे दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का साथ मिला है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे साहब से मैंने कहा कि मैं इंदिरा गांधी के सिद्धांतों पर चलकर चुनाव लड़ना चाहता हूं, उन्होंने तुरंत हां कर दी। 

सवाल: सुरेश पचौरी आलोक शर्मा को अपना आशीर्वाद दे रहे हैं, आपका क्या कहना है?
जवाब: हमको नहीं पता कि इस तरह से विचारधारा बदली जाती है। उन्होंने 10 मिनट में अपनी विचारधारा बदल ली। पचौरी को कांग्रेस पार्टी ने बिना चुनाव लड़े इतना सबकुछ दिया है। 4 बार राज्यसभा भेजा और दो बार केंद्रीय मंत्री बनाया, वे देश के रक्षामंत्री बने। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने। जो खुद नहीं चुनाव जीत सकते, वह दूसरों को आशीर्वाद दे रहे हैं, तो मैं क्या कहूं। ऐसे पचौरी ने जो कुछ भी किया उससे कांग्रेस पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। यह चुनाव लोगों के हित सुरक्षित रखने का है। जिस पर कुठाराघात हो रहा है। हम जवाहरलाल नेहरू, बाबू जगजीवन राम, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी की विचारधारा वाले लोग हैं। सुरेश पचौरी जैसे नेता इनकी विचारधारा को नहीं मानते तो उनको बहुत पहले चला जाना चाहिए था। 

सवाल: कांग्रेसियों में भाजपाई गमछा पहनने की होड़ मची हुई है, इस पर आपकी क्या राय है? 
जवाब: जिनके पास अपना कोई पॉलिटिकल विजन नहीं है। जिनके सिद्धांत नहीं और जो पॉलिटिकल तथा नीतियों को नहीं समझते वह गमछा बदलते हैं। कांग्रेस के गमछे में सेकुलरिज्म छिपा हुआ है। इसमें सामाजिक समरसता भरी हुई है। भाजपा की छोटी सोच है। वह देश को धर्म के नाम पर लड़ा रही है। हम तो जानते हैं कि जो देश का हेड होता है, उसकी सोच देश को आगे रखने की होना चाहिए, लेकिन वह अपने एजेंडे पर चल रहे हैं, तो देश का भला कैसे होगा। विधानसभा चुनाव के पहले हमारे यहां भी भाजपाइयों की लाइन लग रही थी। यह चुनाव के दौरान होता है। कुछ सिद्धांतहीन हैं, वो वहां जा रहे हैं। यह होता रहता है।   

सवाल: कमलनाथ और नकुलनाथ भी भाजपा में जाने लाइन में लगे रहे, यह क्या हो रहा है? 
जवाब: कमलनाथ इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस के सिपाही हैं। हम लोग भी कमलनाथ से कांग्रेस की विचारधारा को सीखते हैं। वह अफवाह थी, जिनको जाना था वे गए। वह तो हमारे नेता थे और हैं। पहले की परिस्थितियां अलग थीं और अब अलग। सेंट्रल एजेंसियां कांग्रेसियों और समूचे विपक्ष को डरा रहीं हैं। जैसे ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स ये भाजपा की प्राइवेट लिमिटेड बन चुकी हैं। यही एजेंसियां लोगों पर दबाव बना रही हैं।   

सवाल: कांग्रेस से केंद्रीय मंत्री रहे चिदंबरम ने ईडी को शक्तियां दी थीं, इससे आपको गुस्सा आता है या नहीं?
जवाब: ईडी जब बनाई गई थी, वह एक अच्छे उद्देश्यों को लेकर बनाई गई थी। इसका अब दुरुपयोग हो रहा है। महात्मा गांधी ने देश को आजाद कराया, लेकिन वे नहीं जानते थे कि इसके बाद कुछ ऐसे लोग पैदा होंगे, जो उनकी विचाराधारा को कुचलने का काम करेंगे। सामाजिक तानाबाना का विघटन करेंगे। गांधी की उस सोच के इर्दगिर्द हम खड़े हैं। देश की जनता समझदार है। जनता के हाथ में बहुत बड़ी शक्ति है, वही उसे हटाएगी। सेंट्रल एजेंसियां क्या कर रही हैं, जनता सब देख रही है। कांग्रेस के खाते चुनाव के दौरान सीज कर दिए, यह कौन सी कार्रवाई है। सीएम हेमंत सोरेन और सीएम केजरीवाल को पकड़ लिया। भाजपा को जिस व्यक्ति से डर होता है, उसे पकड़वा लेती है। हम लोकतंत्र की वास्तविक लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं भाजपा तानाशाही पर चल रही है।    

सवाल: भाजपा ने प्रत्याशी बदल दिया और कांग्रेस ने भी, इससे आपकी राह कितनी आसान हुई? 
जवाब: भाजपा की सांसद प्रज्ञा ठाकुर 5 साल कहीं दिखाई नहीं दी। उन्होंने जनता के लिए कोई लड़ाई नहीं लड़ी। चाहे सड़क पर हो या संसद में। वहीं दिग्विजय सिंह इस क्षेत्र से हारकर भी झुग्गी-झोपडि़यों के लोगों की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ते रहे हैं। सांसद प्रज्ञा का पहला और आखिरी काम कोई है तो वह है सीहोर में भाजपा विधायक की शराब दुकान का ताला तुड़वाने का है। भोपाल में बहुत सी समस्याएं हैं। भोपाल में आईटी हब की बात हुई, लेकिन कहां है। हमारा सिर शर्म से उस समय भी झुक जाता है, जब पढ़े-लिखे बच्चे जोमेटो जैसी कंपनियों का खाना भेजने का काम कर रहे हैं। यह हमारे समाज के लिए कलंक है। इनके लिए भाजपा के सांसदों ने इतने सालों में कोई आवाज नहीं उठाई।

सवाल: आप बड़ा हौंसला दिखा रहे हैं और अगर जीत गए तो क्या करेंगे?
जवाब: भोपाल में आईटी पार्क बनाएंगे। भोपाल को 5 साल में स्मार्ट सिटी बनाने की बात भाजपा ने की थी, जो आज तक नहीं हो पाई। उल्टे इन्होंने बसी बसाई बस्ती को ध्वस्त कर दिया। इनको उजाड़कर हजारों करोड़ रुपए में दो चौड़ी सड़कें बनाई। बाकी क्षेत्र सुनसान पड़ा है। इस क्षेत्र काे गौरव दिलाएंगे। भेल का निजीकरण नहीं होने देंगे। बैरसिया और सीहोर में सिंचाई के लिए जलस्त्रोत बनाने के लिए लड़ेंगे। सीहोर में 110 फैक्ट्री थीं, जो धीरे-धीरे बंद हो गईं। सुगर मिल की 4 हजार एकड़ जमीन सत्ताधारियों के कब्जे में चली गई। इन सबके लिए लड़ाई लडूंगा।

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