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Exclusive: फ्रेंच लेखिका डायने डी सेलियर्स ने सात खंडों में रामायण का अनुवाद किया। इसमें जाेड़े हैं 660 लघु चित्र। जानिए राम से प्रभावित इस लेखिका के बारे में।

मधुरिमा राजपाल, भोपाल। फ्रांस की लेखिका डायने डी सेलियर्स ने वाल्मीकि रामायण का अनुवाद अपनी मातृभाषा में करके अनोखी मिसाल कायम की है। उन्होंने इस महान महाकाव्य को फ्रेंच में उतारते हुए सात खंडों में तैयार किया है। डायने ने बताया कि राम के जीवन को समझने के लिए रामायण को पढ़ना बहुत जरूरी है, और इसलिए इसे अपने शब्दों में अनुवादित करना उनके लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास था। इस अनुवाद के साथ उन्होंने रामायण के 660 लघु चित्र भी जोड़े हैं।

लघु चित्रों से सजाई है रामायण की कथा 
डायने के इस अनुवाद का एक विशेष आकर्षण 16वीं से 19वीं शताब्दी के चित्र हैं, जिनमें से कई सम्राट अकबर द्वारा बनवाए गए थे। डायने का मानना है कि चित्रों के माध्यम से कहानी को और भी जीवंत बनाया जा सकता है। उनके अनुसार, ये चित्र पाठक के मन में रामायण की गहराई को और स्पष्टता से स्थापित करते हैं। चित्रों का समावेश करने का उनका उद्देश्य था कि हर पाठक चित्रों के माध्यम से कहानी में और भी गहराई से उतर सके।

रामायण को समझने के लिए चार बार किया अध्ययन
डायने डी सेलियर्स ने बताया कि रामायण का अनुवाद करना आसान कार्य नहीं था। इसके लिए उन्होंने इसे चार बार पढ़ा, जिसमें उन्होंने जाना कि रामायण केवल एक कथा नहीं, बल्कि अज्ञानता को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाली महागाथा है। उनका मानना है कि रामायण का केंद्रीय संदेश अज्ञानता को हटाकर प्रकाश की ओर बढ़ना है। 

प्रभु श्रीराम की संघर्षमयी कथा
डायने के अनुसार, रामायण श्रीराम की वह कहानी है जिसमें उन्हें अयोध्या से वनवास भेजा जाता है, जहां वे रावण सहित कई राक्षसों का अंत करते हैं और अंततः अयोध्या लौटते हैं। डायने बताती हैं कि इस कथा में श्रीराम के जीवन के संघर्षों को समझना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने इस महाकाव्य के हर मोड़ को आत्मसात करते हुए इसे अपनी भाषा में प्रस्तुत किया।

अच्छे और बुरे के संघर्ष की कथा
डायने का मानना है कि रामायण में अच्छे और बुरे के बीच का संघर्ष भी दिखता है। रावण की शक्ति और ज्ञान के बावजूद उसका अहंकार उसके पतन का कारण बना। उन्होंने कहा कि रामायण की पूरी गाथा आत्मज्ञान से भरी हुई है और इसके हर अध्याय में प्रकाश का अनुभव होता है। रामायण का अध्ययन करते समय डायने को लगा कि यह महाकाव्य इंसान के जीवन में रोशनी की तरह है।

रावण और राम के संवाद में ज्ञान का सार
डायने को राम और रावण के बीच अंतिम क्षणों का संवाद अत्यंत रोचक लगा। उन्होंने इसे अपनी भाषा में प्रस्तुत करते हुए लिखा, "सूरज डूब गया, पृथ्वी और चंद्रमा अंधेरे में समा गए और आग की चमक मद्धम हो गई।" उन्होंने इसे अपने अनुवाद में चित्रों से सजाते हुए इसे एक खूबसूरत पेंटिंग का रूप दिया। डायने का मानना है कि यह संवाद रामायण की संपूर्ण आत्मा को प्रदर्शित करता है।

यूराेप में भी राम को पढ़ रहे हैं लोग
डायने का यह अनुवाद यूरोप में भारतीय संस्कृति और रामायण के प्रसार का एक विशेष माध्यम बन गया है। फ्रेंच में अनुवादित यह रामायण यूरोप में एक नया अध्याय खोल रही है, जहां लोग रामायण को विभिन्न दृष्टिकोण से देख रहे हैं। डायने का मानना है कि रामायण की शिक्षाओं को दुनियाभर के लोगों तक पहुंचाना उनका मुख्य उद्देश्य था।

रामायण की महिमा से प्रेरित डायने
डायने का कहना है कि रामायण पढ़ने के बाद उनके जीवन में नई रोशनी आई है। वह कहती हैं कि रामायण न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि आत्मज्ञान का एक स्रोत भी है। इस अनुवाद के जरिए डायने ने रामायण को एक अलग ही दृष्टिकोण से देखा और महसूस किया है।  

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