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30-50 वर्ष के आयु समूह की एक तिहाई महिलायें फाइब्रॉइड (रसौली) से ग्रसित हैं। यह एक खतरनाक बीमीरी है, जिसका पता जल्दी नहीं चल पाता है। जानिए इस बीमारी के बारे में क्या कहते हैं डॉक्टर...

मधुरिमा राजपाल, भोपाल
इस समय 30-50 वर्ष के आयु समूह की एक तिहाई महिलायें फाइब्रॉइड (रसौली) से ग्रसित हैं। हालांकि, इसके होने का पता जल्दी नहीं चल पाता और यह कई बार इलाज न करवाने से खतरनाक भी हो जाता है। किसी महिला को फाइब्रॉइड की समस्या है या नहीं, इसके बारे में अल्ट्रासाउंड या अन्य जांचों से पता चल सकता है। अगर आपको पेट के नीचे दर्द रहे, तो डॉक्टर से चेकअप करवाएं, उक्त बात बैठक द आर्ट हाउस में यंगशाला की प्रतिष्ठित संवाद श्रंखला ‘रूबरू’ के तहत सुप्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रिया भावे चित्तावर ने कही।

30 प्रतिशत महिलाओं में सिस्ट (गठान) की समस्या
चित्तावर ने सिस्ट (गठान) के बारे में भी बताते हुए कहा कि लगभग 30 प्रतिशत महिलाओं में यह समस्या बहुत आम है, लेकिन इसके बारे में कोई भी राय बनाने से पहले चिकित्सक की सलाह आवश्यक है।

मासिक धर्म को लेकर हो रही आपातकालीन स्थिति तैयार
उन्होंने कहा कि मासिक धर्म को लेकर एक आपातकालीन स्थिति तैयार हो रही है और वह है सेनिटरी पेड का बेजा उपयोग, क्योंकि यह रीसाइकिल नहीं हो सकते हैं, ऐसे में साफ कपड़ों का उपयोग एक सुरक्षित और पर्यावरण सम्मत विकल्प के रूप में हमारे सामने आ रहा है।

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