World Hypertension Day 2024: आज वैश्विक स्तर पर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या गंभीर रूप से कई लोगों को प्रभावित कर रही है। पहले के समय में यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ होती थी लेकिन वर्तमान समय में बहुत से युवा भी इस समस्या की चपेट में आ रहे हैं। हाई ब्लड प्रेशर से होने वाले खतरों के बारे में लोग सतर्क रहें और बचाव के लिए जागरूक रहें, इसी उद्देश्य से हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन-डे मनाया जाता है।
बढ़ता है कई बीमारियों का रिस्क
नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम में सीनियर डायरेक्टर एंड प्रोग्राम हेड- कार्डियक साइंसेज, डॉ. हेमंत मदान के अनुसार, ‘सामान्य रूप से एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में व्यक्ति का ब्लड प्रेशर इस नॉर्मल वैल्यू के ऊपर पहुंच जाता है। ऐसे में शरीर की धमनियों में रक्त का दबाव अधिक बढ़ जाता है। अकसर दिनभर में रक्त चाप कई बार बढ़ता और कम होता रहता है, लेकिन अगर हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति लंबे समय तक रहती है तो यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है और इसके कई दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं। इस समस्या के कारण हार्ट डिजीजेज, हार्ट फेलियर और स्ट्रोक जैसी अनेक बीमारियां होने का खतरा रहता है।’
हाई ब्लड प्रेशर के कारण
हाई ब्लड प्रेशर के कारणों के बारे में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में इंटरवेंशनल, क्लिनिकल, क्रिटिकल कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अविनाश बंसल बताते हैं, ‘ज्यादातर हाई ब्लड प्रेशर के मामलों में कोई एक कारण जिम्मेदार नहीं होता है। अनियमित जीवनशैली, खराब खान-पान, आनुवांशिक कारण और प्रदूषण से जुड़े हुए कारण जब सामूहिक रूप से लंबे समय तक किसी व्यक्ति को प्रभावित करते हैं, तो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने लगती है। शारीरिक गतिविधि की कमी, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन, अनियमित लाइफस्टाइल, अधिक सिगरेट और शराब का सेवन व्यक्ति को हाइपरटेंशन का शिकार बना देता है। इसके अलावा तनाव भी मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार होता है क्योंकि अधिक तनाव के कारण ऐसे हार्मोंस निकलते हैं, जो रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालते हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। ऐसे में इन कारणों को समझ कर लाइफस्टाइल में आवश्यक परिवर्तन करना जरूरी है।’
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों के बारे में नारायणा हॉस्पिटल और आरएन टैगोर हॉस्पिटल, दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट-कार्डियक सर्जरी डॉ. ललित कपूर डिटेल में बताते हैं, ‘हाई ब्लड प्रेशर को एक तरह से साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। अकसर ऐसा देखा गया है कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीज में लक्षण या किसी भी तरह के संकेत जल्दी देखने को नहीं मिलते हैं, लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं, जिनका पता लगने के बाद आप ब्लड प्रेशर की जांच करा सकते हैं। इन लक्षणों में चक्कर आना, सांस लेने में मुश्किल होना, थकान, नाक से खून आना, अकसर सिर दर्द रहना, नजर में परिवर्तन आना, सीने में दर्द महसूस होना और यूरिन के साथ ब्लड आना जैसे लक्षण शामिल हैं। ऐसे लक्षणों के प्रति सतर्कता आवश्यक है। भूलकर भी ऐसे लक्षणों के प्रति लापरवाही ना बरतें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके आवश्यक जांच कराएं।’
हाई बीपी से बचाव के उपाय
हाई बीपी से बचाव के उपायों के बारे में धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में डायरेक्टर-कार्डियोलॉजी डॉ. समीर कुब्बा बताते हैं, ‘लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति शरीर में कई गंभीर बीमारियां उत्पन्न कर सकती हैं इसलिए बचाव के तौर पर आपको कुछ सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सबसे पहले तो आप नमक का सेवन सीमित करें, शराब और धूम्रपान का सेवन बिल्कुल भी ना करें, अपने तनाव को कम करने के लिए व्यायाम और योग को प्राथमिकता दें, फास्ट फूड के सेवन से बचें, सिर्फ पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें। चाय और काफी का सेवन भी कम करें। इसके अलावा नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें और डॉक्टर के संपर्क में बने रहें।’
कितना होता है नॉर्मल ब्लड प्रेशर
अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में वेकस्नर मेडिकल सेंटर में कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. जिम ल्यू कहते हैं, ‘ब्लड प्रेशर वह फोर्स है, जिसका प्रयोग हमारा ब्लड आर्टिरीज वॉल्स में प्रवेश के लिए करता है। हमारा हार्ट ब्लड पंप करता है तो यह ऑक्सीजन से युक्त रक्त को हमारी आर्टिरीज में धकेलने के लिए बल का प्रयोग करता है। यहीं से यह हमारी विभिन्न कोशिकाओं और ऊतकों तक पहुंचता है। यह काम दिन भर होता रहता है और प्रति मिनट 60 से 100 बार तक होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज आफ कार्डियोलॉजी ने सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 बताया है। यू एस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने 130/80 या इससे ज्यादा बीपी को हाई बीपी बताया है।
बहुत लोग करते हैं लापरवाही
हाई ब्लड प्रेशर के खतरे के बारे में लोग आज भी जागरूक नहीं हैं, जिस कारण अधिकांश लोग आज भी आसानी से इसकी चपेट में आ जाते हैं। आईसीएमआर के राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा कराए गए एक नए अध्ययन में पता चलता है कि भारत में 18 से 54 साल के उम्र वाले 30 प्रतिशत लोगों ने कभी अपना ब्लड प्रेशर नहीं नपवाया है। यह अध्ययन हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हुआ है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर का मतलब है कि नसों में खून का फ्लो तेज होना हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक और लंबे समय में किडनी खराब होने जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि देश में प्री-हाइपरटेंशन यानि शुरुआती हाई ब्लड प्रेशर की दर भी विभिन्न जिलों में 34 प्रतिषत तक है। प्री-हाइपरटेंशन वह अवस्था है, जहां ब्लड प्रेशर सामान्य से थोड़ा अधिक होता है,लेकिन हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में अभी नहीं आता।
इस अध्ययन में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि अध्ययन इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत में लोगों को अपने सेहत के प्रति जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवाना बहुत जरूरी है। खासकर 40 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए।