Diwali 2024: दिवाली के अवसर पर घरों को सजाया जाता है। वास्तुशास्त्र में हर एक तत्व के लिए खास दिशा का चयन किया गया है। सजावटी वस्तुएं, रंग, आकार भी इन्हीं में समाहित हैं। यह सब एक प्रतीक के रूप में कार्य करते हैं, जो हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं। दिवाली पर साज-सज्जा और पूजा करते समय आप वास्तु के कुछ नियमों को ध्यान में रखेंगी तो जीवन में खुशियां, समृद्धि और मनचाही उपलब्धियां मिलेंगी। घर की नकारात्मकता दूर होगी।
ऐसा हो प्रवेश द्वार
घर का मुख्य द्वार अतिथि के लिए पहले परिचय के समान होता है। इसलिए साज-सज्जा में सबसे पहले घर के प्रवेश द्वार पर ध्यान दें। इसका सुंदर-स्वच्छ होना और उस पर किसी शुभ चिन्ह जैसे स्वास्तिक, शुभ-लाभ आदि का बना होना बहुत शुभ माना जाता है। घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए जरूरी है कि प्रवेशद्वार पर ऐसा कोई भी सजावट का सामान ना रखें, जिससे आने-जाने वाले के मार्ग में रुकावट हो। इसी प्रकार ईशान कोण और घर के ब्रह्म स्थान में कोई भारी या नुकीली चीजें ना रखें। यह बनते हुए काम में व्यवधान की तरफ संकेत करती हैं।
लक्ष्मीजी के चरण-चिन्ह
दिवाली पर मां लक्ष्मी के चरण हर कोई अपने घर, आंगन और पूजा के स्थान पर लगाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि लक्ष्मी जी की चरण पादुका घर के पूजा स्थल में रखना शुभता का प्रतीक माना गया है। चांदी, पीतल, तांबा या पंचधातु से बनी लक्ष्मी की चरण पादुका खरीदकर दिवाली के दिन उनकी पूजा करनी चाहिए। मां लक्ष्मी की चरण पादुका कभी भी प्लास्टिक की ना खरीदें। वास्तु में इसे शुभ नहीं माना गया है।
हां, चावल के आटे या साबुत अन्न के दानों से आप पूजा की चौकी के सामने मां लक्ष्मी के चरण बना सकती हैं। इस बात का विशेष ध्यान रहे कि माता के चरण ऐसे स्थान पर नहीं लगाने चाहिए जहां आपके या अतिथियों के पैर उन पर पड़ें, ऐसा करने से लक्ष्मीजी का अनजाने में अपमान होगा। फलस्वरूप, आपकी सुख-समृद्धि रुक सकती है। मान्यता है कि जिस घर में धन की देवी मां लक्ष्मी की चरण पादुका होती है, वहां उसके शुभ प्रभाव से सारा दु:ख-दारिद्रय दूर हो जाता है, सुख-समृद्धि और संपन्नता आती है।
खुशियों की रंगोली
पूर्वमुखी घर में मुख्यद्वार पर आप रंगोली बनाना चाहती हैं तो इस दिशा में शुभ और ऊर्जा प्रदान करने वाले रंग जैसे लाल, पीला, हरा, गुलाबी, नारंगी आदि का इस्तेमाल करें। इससे घर में समृद्धि आती है। वहीं इस दिशा में अंडाकार डिजाइन वाली रंगोली आपके जीवन में उन्नति के नए मार्गों को प्रशस्त करता है। उत्तर दिशा में पीले, हरे, आसमानी और नीले रंगों के प्रयोग से लहरदार या जल के गुण से मिलती हुई डिजाइन वाली रंगोली बनाकर आप अपने जीवन में स्पष्टता और तरक्की के नए-नए अवसरों को आमंत्रित कर सकती हैं।
दक्षिण-पूर्व में त्रिकोण और दक्षिणमुखी घर में खूबसूरत आयताकार पैटर्न की, गहरे लाल, नारंगी, गुलाबी और बैंगनी रंगों के प्रयोग से बनाई रंगोली आपके जीवन में सुरक्षा, यश और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार सिद्ध होगी। जीवन में लाभ और प्राप्तियों को आकर्षित करने के लिए पश्चिम मुखी घर के लिए आप सफेद और सुनहरे रंगों के साथ गुलाबी, पीला, भूरा, आसमानी जैसे रंगों का प्रयोग कर गोलाकार रंगोली या पंचकोण आकार लिए हुए रंगोली बना सकती हैं।
सुख-समृद्धि का तोरण
मां लक्ष्मीजी के स्वागत में और उन्हें प्रसन्न करने के लिए दरवाजे पर तोरण बांधना शुभ माना गया है। यदि आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व में है तो हरे रंग के फूलों और पत्तियों का तोरण लगाना सुख-समृद्धि को आमंत्रित करता है। धन की दिशा उत्तर के मुख्य द्वार के लिए नीले या आसमानी रंग के फूलों का तोरण लटकाना चाहिए। यदि घर का प्रवेश द्वार दक्षिण दिशा में है तो लाल, नारंगी या इससे मिलते-जुलते रंगों से द्वार को सजाना चाहिए।
पश्चिम के मुख्य द्वार के लिए पीले रंग के फूलों के तोरण लाभ और उन्नति में सहायक होंगे। ध्यान रहे पूर्व और दक्षिण के द्वार पर किसी भी धातु से बने तोरण को नहीं लगाना चाहिए। पश्चिम और उत्तर दिशा के द्वार पर धातु का तोरण लगाया जा सकता है।
अनीता जैन, वास्तुविद