International Yoga Day 2024: दुनियाभर में साल 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत की गई है। सदियों से भारत में योग का अभ्यास किया जाता रहा है। योग के महत्व को जानकर दुनियाभर में अब योग किया जाने लगा है। योगासन से शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों ही दुरुस्त रखने में मदद मिलती है। सामान्य से दिखने वाले आसान शरीर को बड़ा लाभ पहुंचाते हैं।
कम उम्र से ही अगर योगासनों का अभ्यास किया जाए तो उम्रदराज होने पर भी शरीर फिट रहता है। कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास दिल से लेकर दिमाग तक शरीर को फिट बनाकर रखता है।
21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस?
दुनियाभर में योग को महत्व दिलाने के लिए योग दिवस मनाने की पहल भारत की ओर से ही की गई थी। साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने यूनाइटेड नेशन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। योग दिवस के लिए 21 जून की ही तारीख इसीलिए चुनी गी क्योंकि इस दिन को साल का सबसे लंबा दिन माना जाता है। इसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है। इस दिन को योग और आध्यात्म के लिहाज से भी बेहद खास माना जाता है।
5 योगासन रखेंगे हेल्दी
सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक समूह है जो पूरे शरीर को गर्म करता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन में सुधार करता है। यह शुरुआती लोगों के लिए एक बेहतरीन योगासन है और इसे दिन में 5-10 बार किया जा सकता है।
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ताड़ासन (पर्वत मुद्रा): ताड़ासन रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है, संतुलन में सुधार करता है और पूरे शरीर को मजबूत बनाता है। इसे खड़े होकर, पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से अलग रखकर और हाथों को पक्षों पर रखकर किया जाता है।
त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा): त्रिकोणासन रीढ़ की हड्डी को मोड़ता है, छाती को खोलता है और पाचन में सुधार करता है। इसे खड़े होकर, एक पैर को दूसरे पैर से लगभग 3-4 फीट दूर रखकर किया जाता है, और शरीर को आगे की ओर झुकाते हुए, हाथों को जमीन की ओर फैलाया जाता है।
वृक्षासन (वृक्ष मुद्रा): वृक्षासन संतुलन और एकाग्रता में सुधार करता है। इसे खड़े होकर, एक पैर को दूसरे पैर की जांघ पर रखकर किया जाता है, और हाथों को नमस्ते की मुद्रा में जोड़कर ऊपर उठाया जाता है।
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शवासन (शव मुद्रा): शवासन तनाव कम करता है और शरीर को आराम देता है। इसे पीठ के बल लेटकर, पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से अलग रखकर और हाथों को पक्षों पर रखकर किया जाता है।
इन बातों का रखें ख्याल
- योगासन करने से पहले हमेशा 5-10 मिनट का वार्म-अप करें।
- योगासन धीरे-धीरे और सांस पर ध्यान केंद्रित करते हुए करें।
- अगर आपको कोई दर्द हो तो योगासन करना बंद कर दें।
- नियमित रूप से योगासन करने से आपको सबसे अधिक लाभ मिलेगा।
- किसी योग्य प्रशिक्षक के निर्देशन में ही योगासन का अभ्यास करें।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)