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Tingling in Feet: कई बार खराब पोश्चर की वजह से पैरों में झनझनाहट आने लगती है। ये सामान्य बात है, लेकिन अगर बार-बार ऐसा होने लगे तो कुछ बीमारियां होने के संकेत हो सकते हैं।

Tingling in Feet: पैरों में झनझनाहट होना सामान्य है और कई बार ऐसा गलत पोश्चर में रहने की वजह से हो सकता है। ब्लड सर्कुलेशन रुक जाने की वजह से पैरों में झनझनाहट देखी जाती है। पैरों में झुनझुनी आने पर अगर कुछ देर के लिए खड़े हो जाएं या पोश्चर को बदल लिया जाए तो झनझनाहट खत्म हो जाती है। कभी-कभी ऐसा हो तो कोई चिंता की बात नहीं, लेकिन अगर आपको अक्सर पैरों में झनझनाहट रहती है तो फिर इसे अनदेखा न करें। 

पैरों में बार-बार आने वाली झनझनाहट किसी बीमारी का संकेत भी हो सकती है। वेबएमडी के मुताबिक कुछ बीमारियों में पैरों में झुनझुनी का आना एक संकेत होता है, जिसे नज़रअंदाज करना भारी पड़ सकता है। 

इन बीमारियों में पैरों में होती है झनझनाहट

किडनी रोग - किडनी हमारे शरीर के टॉक्सिंस को फिल्टर कर शरीर से बाहर निकालने का काम करती है। ये एक बेहद महत्वपूर्ण ऑर्गन है। किडनी अगर खराब होती है तो उससे शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलना बंद होने लगते हैं और इससे पैरों में  झुनझुनी भी आने लगती है। 

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डायबिटीज - शरीर के ब्लड शुगर लेवल में बदलाव पैरों में झनझनाहट आने की वजह बन सकता है। हाई ब्लड शुगर से नर्वस सिस्टम डैमेज हो सकता है और इससे पैरों में झनझनाहट शुरू हो सकती है। 

ऑटो इम्यून डिजीज - ऑटो इम्यून डिजीज में बीमारियों से लड़ने वाले सेल्स शरीर के अच्छे सेल्स को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। इस बीमारी का एक संकेत पैरों में झनझनाहट आना भी होता है। ऑटो इम्यून डिजीज के तरह अर्थराइटिस, वीक इम्यूनिटी, ल्यूपस हो सकता है। 

संक्रमण - पैरों में झनझनाहट आने की एक वजह शरीर में इंफेक्शन का बढ़ना भी हो सकता है। इसकी वजह से पैरों में सुई जैसी चुभन होकर नसों को नुकसान पहुंच सकता है। 

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विटामिन बी की कमी - शरीर में अगर विटामिन बी की कमी हो जाए तो भी पैरों में झुनझुनी आने लगती है। विटामिन बी नर्वस सिस्टम को बेहतर बनाए रखने का काम करता है। इसका लेवल शरीर में कम होने पर कई तरह की समस्याएं देखी जा सकती हैं। 

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