Logo
Parenting Tips: हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा जिंदगी में सेल्फ डिपेंडेंट बने। ऐसे में लेज़ी पैरेंटिंग (Lazy Parenting) का तरीका कारगर हो सकता है।

Parenting Tips: लेजी शब्द के मायने वैसे तो आलसी होते हैं लेकिन बात अगर लेज़ी पैरेंटिंग (Lazy Parenting) की हो तो यहां इस शब्द का भाव बदल जाता है। पहली बार इस शब्द को सुनने पर आलस से भरी पैरेंटिंग का ख्याल आता है, लेकिन Lazy Parenting में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। इस पैरेंटिग स्टाइल में बच्चे को हर काम खुद से करना सिखाया जाता है। 

इस पैरेंटिंग स्टाइल में बच्चे को गलतियां करने दी जाती है और उन्हें सुधारने का काम भी बच्चों के द्वारा ही किया जाता है। पैरेंट्स सिर्फ उन्हें गलतियां सुधारने के लिए सही मार्गदर्शन देते हैं। इस तरीके से बच्चों का बेहतर डेवलपमेंट हो सकता है और बच्चा मुश्किल स्थितियों से लड़ने का माद्दा सीखने लगता है। 

लेज़ी पैरेंटिंग से बच्चों के लिए फायदे

सेल्फ डिपेंडेंट - लेजी पैरेंटिंग की खासियत होती है कि इसमें बच्चों को आत्मनिर्भर और स्ट्रॉन्ग बनने में मदद मिलती है। लेजी पैरेंटिंग में बढ़ने वाला बच्चा अगर कभी अकेले रहे या किसी मुसीबत में आ जाए तो वह समस्या का हल निकालने के लिए तैयार रहता है। 

कॉन्फिडेंस - हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा कॉन्फिडेंट रहे। लेज़ी पैरेंटिंग बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती है। बच्चे सही-गलत में अंतर सीखने के साथ ही अपनी पसंद-नापसंद को पहचानने लगते हैं। बच्चों में यह विश्वास पैदा हो जाता है कि वे किसी भी मुश्किल हालात का सामना कर सकते हैं। 

रिस्पॉन्सिबल - लेजी पैरेंटिंग से बच्चों में जिम्मेदारी की भावना पैदा होने लगती है। जब छोटे-छोटे कामों को खुद ही सही तरीके से करना पड़ता है तो इससे जिम्मेदारी की भावना बढ़ने लगती है। इसे बच्चे की भविष्य की तैयारियों में एक अहम आदत माना जा सकता है। 

लर्निंग - चाहे आप किसी भी उम्र के हों लगातार सीखने की आदत आपको जिंदगी में हर कदम पर आगे बढ़ाने में मदद करती है। लेज़ी पैरेंटिंग के जरिए बच्चे में नई-नई चीजें सीखने की आदत पनपने लगती है। अपना ख्याल रखने के साथ ही नई चीजें जानने की ललक जीवन की समझ को भी बढ़ाती है। 

5379487