Logo
Piles Problem: पाइल्स लाइफस्टाइल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। एक बार किसी को पाइल्स हो जाए तो उसे बेहद एहतियात बरतनी पड़ती है। आइए जानते हैं बवासीर होने के कारण और लक्षण।

Piles Problem: पाइल्स एक बेहद गंभीर और दर्दनाक बीमारी होती है जो कि लाइफस्टाइल और खान-पान से ताल्लुक रखती है। कई लोगों में पाइल्स की समस्या देखी जाती है। इस बीमारी के शुरुआती लक्षण नजर आने के बाद भी अगर लापरवाही बहती जाए तो ये बेहद गंभीर हो सकती है। आयुर्वेद में पाइल्स का इलाज दवाओं के जरिये किया जाता है, वहीं एलौपेथी में दवाओं के साथ पाइल्स की सर्जरी भी होती है। 

बेतरतीब जीवनशैली और खराब खान-पान पाइल्स यानी बवासीर की बीमारी की मुख्य वजह बनती है। लंबे अर्से तक कब्ज होने के बाद पाइल्स की समस्या शुरू होती है। आइए जानते हैं इस बीमारी के होने की वजह और शुरुआती लक्षण। 

क्या है पाइल्स की बीमारी?
पाइल्स की बीमारी में मरीज के एनस के अंदरुनी हिस्से और बाहरी भाग में सूजन आती है और मस्से होने लगते हैं। कई बार इन मस्सों में से खून निकलता है और तेज दर्द उठता है। मल त्याग के दौरान मस्से बाहर आ जाते हैं और काफी परेशानी पैदा करते हैं। 

इसे भी पढ़ें: Walking or Running: गर्मी में फिट रहने के लिए रनिंग बेहतर है या वॉकिंग, दोनों का सेहत पर कैसा असर होता है? जानिए

पाइल्स होने की वजह
पाइल्स होने की मुख्य वजह कब्ज की समस्या का लंबे अर्से तक बने रहना होता है। गट हेल्थ खराब होने से ये समस्या पैदा होती है। कब्ज के चलते मल त्याग में जोर लगाना पड़ता है। इससे ये बीमारी हो सकती है। जो लोग ज्यादा देर तक खड़े होकर या बैठकर काम करते हैं उनमें भी बवासीर होने की आशंका बढ़ जातीहै। 

पाइल्स होने की एक बड़ी वजह मोटापा भी होता है। कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बाद पाइल्स की प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। अगर पूर्व में परिवार के किसी सदस्य को बवासीर रही है तो आपको भी इसे होने का खतरा बढ़ जाता है। 

पाइल्स के शुरुआत लक्षण

  • मल त्याग के दौरान तेज दर्द होना और म्यूकस या खून आना। 
  • एनस के आसपास गांठे पड़ना या फिर सूजन आ जाना। 
  • एनस के आसपास सुई जैसी चुभन, खुजली का एहसास बना रहना। 
  • फ्रेश होने के बाद भी पेट साफ महसूस न होना। 

इसे भी पढ़ें: Boiled Potato: वजन घटाना है तो उबालकर खाएं आलू, मसल्स बनेंगी स्ट्रॉन्ग, एक दो नहीं मिलेंगे पांच बड़े फायदे

ज़रूरी बातें रखें ध्यान

  • रोजाना आधा घंटे फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। 
  • फाइबर रिच फूड्स को डाइट में शामिल करें। 
  • रोज एक गिलास छाछ का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। 
  • तली-भुनी चीजों, फास्ट फूड, जंक फूड से दूरी बनाएं। 
  • पब्लिक टॉयलेट को इस्तेमाल करने से बचें। 

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श से जरूर लें।)

jindal steel jindal logo
5379487