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आम जीवन में अपने आस-पास के लोग कभी कुछ ऐसा व्यवहार कर देते हैं, जिससे स्थिति बहुत असहज हो जाती है। ऐसे में असहज हालातों से सहजता से निपटा जाना जरूरी है। यह कैसे संभव है, आइए जानते हैं।

Embarrassing situation: आम जीवन में अपने आस-पास के लोग कभी कुछ ऐसा व्यवहार कर देते हैं, जिससे स्थिति बहुत असहज हो जाती है। ऐसे में तुरंत रिएक्ट ना करके बैलेंस बनाने की जरूरत होती है, ताकि बात संभले, ना कि बिगड़ जाए। अपमान, उपेक्षा या सीधे-सीधे अभद्र बोल सुनने के हालात। दिल को दुःखी और दिमाग को आक्रोशित करने वाली ऐसी असहज परिस्थितियों का सामना करना किसी के लिए भी आसान नहीं होता। बावजूद इसके सामाजिक-पारिवारिक और काम-काजी परिवेश में यह असहजता कभी ना कभी सबके हिस्से में आती ही है। तब जवाब देने का सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है? समझ में नहीं आता। ऐसे में असहज हालातों से सहजता से निपटा जाना जरूरी है। यह कैसे संभव है, आइए जानते हैं।

मुस्कान को बनाएं साथी 
असहज करने वाली परिस्थिति में मुस्कुराहट से अच्छा साथी कोई नहीं है। जल्दबाजी में कुछ कह जाने के बजाय मुस्कुरा भर देना प्रतिक्रिया देने से पहले कुछ पल सोचने का समय देता है। दूसरों के नेगेटिव व्यवहार और बातों का उत्तर चेहरे पर मुस्कान सजाकर दिया जाए, तो इसमें अपने मन का सुकून बचा रहता है। इतना ही नहीं, कोई जान-बूझकर आपको उकसाने के प्रयास में है, तो चेहरे पर स्माइल का तैर जाना, सामने वाले के गलत मंसूबों को सफल नहीं होने देता। 

चुप्पी सब कह-सुनाए 
मन दुखाने या अपमान करने वाली किसी बात या बर्ताव के समय चुप रह पाना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन इस चुप्पी के फायदों को लेकर सोचेंगे, तो राह आसान हो जाएगी। शुरुआत में खुद को शांत रखने का काम सोच-समझकर करना होगा, लेकिन आगे चलकर रिएक्ट करने का यह अंदाज आदत बन जाएगा। अपने-परायों, सहकर्मियों या आस-पड़ोस के लोगों के नेगेटिव व्यवहार को अनदेखा करने का यह तरीका भी मन को शांत रखता है। गुस्से और नाराजगी के कारण खुद अपनी ओर से कुछ गलत कह जाने से रोककर सहज बनाए रखता है। किसी प्रकार की गलती से बचाता है। 

वर्चुअल वर्ल्ड में शोर ना मचाएं 
हालिया समय में ऐसी किसी स्थिति को लेकर वर्चुअल दुनिया में शोर मचाने का चलन बढ़ा है। यह किसी के असहज करने वाले बर्ताव को और बढ़ावा देने वाली बात है। गलत मानसिकता को प्रचारित करने वाला कदम है। इतना ही नहीं वर्चुअल दुनिया में उठे नए सवाल आपकी उलझन को और बढ़ाने वाले ही साबित होंगे। यह बर्ताव भी आपके मन का ठहराव छीनने वाला ही है। ऐसे अपडेट्स के कारण आप ना सिर्फ खुद अपनी छवि को लेकर सवालों के घेरे में आएंगे, बल्कि किसी के नकारात्मक व्यवहार को लंबे समय तक भुला पाना भी मुश्किल होगा। आपके काम-काज ही नहीं, पर्सनल लाइफ पर भी नेगेटिव असर होगा। इसीलिए भावुक होकर ऐसे कंटेंट को साझा करने से बचें।  

नई पीढ़ी को भी सिखाएं 
असहज परिस्थितियों में सहज रहने की सीख बच्चों को शुरू से ही दी जानी चाहिए। नई पीढ़ी को यह पाठ पढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका यही है, कि वे घर के बड़ों को ऐसे हालातों में संयत व्यवहार करते हुए देखें। खासकर पैरेंट्स द्वारा उचित-अनुचित प्रतिक्रिया देने, मुस्कुराकर बात टाल जाने या आक्रोश जताने का बर्ताव बच्चों पर गहरा प्रभाव डालता है। इसीलिए दूसरे जब हालातों को सुगम ना रहने दें, तब अपने दिलो-दिमाग को संयत रखना जरूरी हो जाता है। यही ठहराव बच्चों के व्यवहार का भी हिस्सा बनता जाता है। बर्ताव का यह ठहराव बच्चों में इमोशनल स्टेबिलिटी भी लाता है। नई पीढ़ी को पर्सनल और एकेडेमिक दोनों मोर्चों पर मदद मिलती है।

साभार: डॉ. मोनिका शर्मा

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