Air India Penalty: डायरेक्टोरेट ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने शुक्रवार को उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) से जुड़े नियमों का पालन नहीं करने पर एयर इंडिया पर 80 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। इस कार्रवाई का मकसद पायलटों को पर्याप्त आराम का समय देना है।
नियामक ने कहा कि जनवरी में एयर इंडिया का ऑडिट किया था, ताकि यह देखा जा सके कि एयरलाइन एफडीटीएल और थकान प्रबंधन प्रणाली (एफएमएस) के नियमों का पालन कर रही है या नहीं। इस दौरान बड़े पैमाने पर डेटा और रिपोर्ट्स की जांच की गई। इसमें सामने आया कि एयर इंडिया ने कुछ मामलों में 60 साल से ज्यादा उम्र के दोनों फ्लाइट क्रू के साथ उड़ानें संचालित कीं, जो कि एविएशन रूल, 1937 के नियम 28ए के उप नियम (2) का उल्लंघन है। इसके मुताबिक, फ्लाइट के दो पायलटों में से सिर्फ एक की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा हो सकती है।
डीजीसीए ने बताया कि ऑपरेटर को पर्याप्त साप्ताहिक आराम, अल्ट्रा-लॉन्ग रेंज (यूएलआर) उड़ानों से पहले और बाद में आराम में भी कमी पाई गई, जो कि सिविल एविएशन के जरूरी प्रावधानों का उल्लंघन है। इसके अलावा, ऑडिट के दौरान ड्यूटी अवधि से अधिक, गलत तरीके से चिह्नित प्रशिक्षण रिकॉर्ड, ओवरलैपिंग ड्यूटी के केस भी मिले। इसके बाद नियामक ने 1 मार्च को एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस भेजा था। ऑपरेटर की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर 80 लाख रुपए का जुर्माना ठोक गया है।
1 जून से DGCA लागू करेगा नए नियम
डीजीसीए ने एफडीटीएल नियमों को लेकर 8 जनवरी को नया सेट जारी किया, जो 1 जून से लागू होगा। नए नियमों में पायलटों को अतिरिक्त आराम, नाइट ड्यूटी रूल में बदलाव और एयरलाइंस के लिए पायलट थकान रिपोर्ट जमा करने के निर्देश शामिल हैं। एयर इंडिया और इंडिगो जैसी प्रमुख एयरलाइंस ने नए नियमों का विरोध किया है, लेकिन नियामक ने इसकी सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया है।