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All Party Meet: मॉनसून सत्र और संसद के बजट से पहले संसद भवन में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कांग्रेस ने लोकसभा उपाध्यक्ष (Deputy Speaker of Lok Sabha) पद की मांग की।

 All Party Meet: मॉनसून सत्र और संसद के बजट से पहले संसद भवन में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कांग्रेस ने लोकसभा उपाध्यक्ष (Deputy Speaker of Lok Sabha) पद की मांग की। साथ ही, कांग्रेस ने लोकसभा में NEET मामले (NEET Case) पर चर्चा करने की भी मांग की। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने यूपी कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों पर नाम प्लेट लगाने का मुद्दा उठाया।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि बैठक में जेडीयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (Special State Status for Bihar) देने की मांग की, जबकि वाईएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जा (Special Status for Andhra Pradesh) की मांग की। इस केंद्रीय सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस के जयराम रमेश, आप सांसद संजय सिंह, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई बड़े विपक्षी नेता शामिल हुए। वहीं, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी इसमें नहीं आई।

'आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग'
आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टी वाईएसआरसीपी (YSRCP) ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। पार्टी के  सांसद विजय साई रेड्डी (Vijay Sai Reddy) ने संसद में सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, 'आंध्र प्रदेश में लॉ एंड ऑर्ड ऑर्डर  (Andhra Pradesh law and order) की स्थिति बिगड़ गई है। हमने सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपील की है।'

संसद में हुई सार्थक चर्चा: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री (Parliamentary Affairs Minister) किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा, 'हमारी एक बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई। मैं सभी दलों के फ्लोर नेताओं का धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने अच्छे सुझाव दिए। हमने संसद के सभी सदनों के नेताओं से सुझाव संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए लिए हैं। यह सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है।'

'हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध'
रिजिजू ने कहा, 'हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है, बशर्ते कि इसके लिए सभी सांसद निर्धारित नियमों का पालन करे। यह चर्चा देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। रिजिजू ने कहा कि यह हर एक पार्टी के सांसद की जिम्मेदारी है कि वह संसद की चर्चा में हिस्सा लें।

सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सदन की कार्यवाही में विपक्ष की भागीदारी बेहद अहम है। सरकार सभी मुद्दों पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है कि वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करें और संसद में सार्थक चर्चा हो।  

क्यों बुलाई जाती है सर्वदलीय बैठक?
सर्वदलीय बैठक का उद्देश्य मॉनसून सत्र के दौरान संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए होता है। अक्सर कुछ मुद्दों पर विपक्ष और सरकार के बीच तनाव की स्थिति होती है, जिससे संसद में हंगामा होता है और सत्र सुचारू रूप से नहीं चल पाता। इन सभी मुद्दाें को सत्र से पहले सुलझाने के लिए और इन पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है। 

संसद की कार्यवाही 1.5 करोड़ रु
संसद की हर मिनट की कार्यवाही पर लगभग 2.5 लाख रुपए खर्च होते हैं। यानी यह रकम प्रति घंटे 1.5 करोड़ रुपए है। यह खर्च सांसदों की सैलरी, भत्ते, संसद सचिवालय का खर्च, सचिवालय के कर्मचारियों की सैलरी और सांसदों की सुविधाओं पर की जाती है। जब भी संसद हंगामे के कारण स्थगित होती है, तो यह नुकसान आम जनता को होता है। क्योंकि आम जनता ही लाखों रुपए टैक्स के तौर पर चुकाती है। 

 All Party Meet
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मोदी 3.0 का पहला बजट 22 जुलाई 
संसद का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 12 अगस्त तक चलेगा। लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में तीसरी बार सरकार बनने के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को सदन में बजट पेश करेंगी, जिसके बाद दोनों सदनों में इस पर चर्चा होगी।

5 मुद्दे जिन पर हो सकता है हंगामा

  • NEET-UG पेपर लीक: सीबीआई ने अब तक NEET-UG पेपर लीक मामले में 12 गिरफ्तारियां की हैं। 7 राज्यों की पुलिस ने 45 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एनटीए ने राज्य, शहर और केंद्रवार परिणाम घोषित किया है। लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर हंगामा कर सकता है।
  • अग्निवीर (बेरोजगारी): मुंबई में एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि पिछले 4 सालों में 8 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। विपक्ष इस डेटा पर सरकार को घेर सकता है। वहीं, जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी अग्निवीर पर बदलाव की मांग की है।पिछले सत्र में राहुल गांधी ने संसद में अग्निवीरों को मिलने वाले मुआवजे पर सवाल उठाए थे। ऐसे में इस बात की पूरा संभावना है कि विपक्ष मानसून सत्र में भी यह मुद्दा उठा सकता है।
  • जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमले: 2021 से जम्मू में 22 आतंकवादी घटनाएं हुई हैं। इन 3 वर्षों में 47 सैनिक शहीद हुए और 23 नागरिक मारे गए। सरकार बनने के बाद से जम्मू और कश्मीर में जून और जुलाई में 7 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें 11 सैनिक शहीद हुए हैं।
  • मणिपुर हिंसा: राहुल गांधी ने पिछले सत्र के अंत के बाद मणिपुर का दौरा किया। राहुल लगातार मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री को निशाना बना रहे हैं। मणिपुर में हिंसा की घटनाएं फिर से बढ़ रही हैं। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है। मणिपुर में ताजा हिंसा के बाद विपक्ष मानसून सत्र के दौरान यह मुद्दा उठा सकता है।
  • ट्रेन दुर्घटनाएं: रेलवे ने 2022-23 में कम से कम 5000 किलोमीटर मार्ग पर कवच लगाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन जून 2024 तक यह केवल 1500 किलोमीटर ट्रैक पर ही लगाया गया है। हाल ही में कंचनजंगा और डिब्रूगढ़ ट्रेन दुर्घटनाओं में करीब दर्जन भर लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में विपक्ष इस मुद्दे को संसद में उठा सकता है।
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