US Deports Indian: अमेरिका से निर्वासित हुए अवैध अप्रवासियों की भारत वापसी का सिलसिला जारी है। भारतीय प्रवासियों के तीसरे जत्थे को लेकर अमेरिकी विमान रविवार को अमृतसर एयरपोर्ट में लैंड किया। विमान में करीब 112 लोग सवार थे। इनमें सर्वाधिक करीब 44 लोग हरियाणा, 33 गुजरात, 31 पंजाब, 2 उत्तर प्रदेश और एक-एक अप्रवासी
हिमाचल व उत्तराखंड का रहने वाला है।
#WATCH | Punjab: Aircraft carrying the third batch of illegal Indian immigrants lands in Amritsar as it arrives from the US. pic.twitter.com/siuyMUTbMP
— ANI (@ANI) February 16, 2025
शनिवार (15 फरवरी) रात अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे दूसरे जत्थे में शामिल प्रवासियों ने बताया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके पैरों में जंजीर और हाथों में हथकड़ी लगी थी। निर्वासित भारतीयों की पहली खेप में भी प्रवासियों को हथकड़ी पहनाई गई थी। इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त हंगाम हुआ था। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर को संसद में जवाब देना पड़ा था।
अमृतसर लाते वक्त बेड़ियां पहनाईं
निर्वासितों में शामिल दलजीत सिंह ने मीडिया को बताया कि यात्रा के दौरान हमारे पैरों में जंजीरें और हाथों में हथकड़ी पहनाई गई थी। एक अन्य निर्वासित सौरभ ने भी बताया कि अमृतसर आते समय उन्हें रास्ते में बेड़ियां लगाई गईं थीं। तीसरे व्यक्ति ने भी इस बात की पुष्टि की है।
गलत जानकारी देकर भारत ले आए
सौरभ ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें दूसरे शिविर में ले जाने की बात कही थी। परसों कहा, हमें दूसरे शिविर में ले जाना है और विमान में बैठाकर भारत ले आया गया। निर्वासित अप्रवासियों के दूसरे जत्थे में शामिल पटियाला निवासी एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 2023 में राजपुरा में हुई हत्या के मामले में वह फरार थे।
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18 दिन हिरासत केंद्र में रहे
गुरदासपुर जिले के खानोवाल घुमन गांव निवासी हरजीत सिंह निर्वासित भारतीय के इस जत्थे में शामिल थे। उन्होंने बताया कि 27 जनवरी को अमेरिकी सीमा पार करते समय हमें पकड़ा गया था। 18 दिन हिरासत में रखा। 13 फरवरी को अमेरिका से निर्वासित किया। रविवार (16 फरवरी) सुबह 6 बजे घर पहुंचे। हमारे हथकड़ी और जंजीरें पहनाई गईं थीं।
हथकड़ी पर क्यों हो रहा विवाद
भारतीय निर्वासितों को लेकर अमेरिकी वायुसेना का पहला विमान 5 फरवरी को पहुंचा था। अमृतसर में उतरे इस विमान में 104 भारतीय नागरिक सवार थे। निर्वासितों ने तब भी बताया था कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी पहनाई गई थी। जिसे अमृतसर में उतरने के बाद उन्हें खोला गया। विपक्ष ने इसे भारत का अपमान बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी से अमेरिकी यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाने की मांग की थी।