Arvind Kejriwal Arrest News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय को अरविंद केजरीवाल के आवास से बड़ा और अहम सबूत हाथ लगा है। सूत्रों का कहना है कि गुरुवार रात गिरफ्तारी से पहले केजरीवाल के घर से प्रवर्तन निदेशालय को 150 पन्नों का एक दस्तावेज मिला है। इस दस्तावेज में प्रवर्तन निदेशालय के दो वरिष्ठ अधिकारियों की डिटेल रिपोर्ट है। जिन अधिकारियों की डिटेल है, वे दोनों जॉइंट डायरेक्टर लेवल के अफसर हैं। अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने 150 पन्नों की जानकारी क्यों इकट्ठा की? क्या ये गैर कानूनी तरीके से जासूसी का मामला नहीं है?
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने गुरुवार शाम सात बजे से 9 बजे तक संक्षिप्त पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से दिल्ली में आप कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं।
इन दो अफसरों की जासूसी का शक
एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय की टीम अरविंद केजरीवाल के घर पर गुरुवार शाम 7 बजे पहुंची थी। इसके बाद आवास की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान अधिकारियों को एक दस्तावेज बरामद हुआ। जिसमें एक विशेष निदेशक स्तर के अधिकारी और एक संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी से संबंधित संवेदनशील विवरण थे। सुरक्षा कारणों से दोनों अधिकारियों की पहचान गुप्त रखी गई है। तलाशी अभियान के दौरान अधिकारियों की नजर दस्तावेज़ पर पड़ी और उन्होंने तुरंत उसे जब्त कर लिया।
दस्तावेजों को देख प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी हैरान रह गए। क्योंकि नामित अधिकारियों में से एक तलाशी अभियान के दौरान मौजूद था। संयुक्त निदेशक स्तर का अधिकारी का नाम दस्तावेज में है। वह वर्तमान में कथित शराब नीति घोटाले की जांच की मॉनिटरिंग कर रहा है।
क्या था केजरीवाल का मकसद?
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने आगे की जांच और कार्रवाई के लिए मामले को एजेंसी के उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया। ऐसे आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी से कथित खुफिया जानकारी जुटाने के पीछे के मकसद के बारे में अटकलें तेज हो गईं। ईडी ने मामले की संवेदनशील प्रकृति का हवाला देते हुए चल रही जांच के संबंध में कोई भी आधिकारिक बयान देने से परहेज किया है।
जांच एजेंसी आज शुक्रवार को अदालत में पहली बार दिल्ली शराब नीति घोटाले में आम आदमी पार्टी के खिलाफ सबूत पेश कर सकती है। उन्होंने गोवा के आप उम्मीदवारों के बयान दर्ज किए हैं जिन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए नकद भुगतान किया गया था। सूत्रों ने बताया कि यह वही पैसा है जो कथित तौर पर शराब नीति घोटाले में आप को मिला था।