Arvind Kejriwal Interim Bail Plea: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्षतम अदालत ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने अंतरिम जमानत 7 दिन और बढ़ाए जाने की मोहलत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए बता दिया है कि जमानत बढ़वाने वाली याचिका पर सुनवाई नहीं होगी। इसके बाद अब तय हो गया है कि केजरीवाल को 2 जून को ही सरेंडर करना होगा। उन्हें वापस तिहाड़ जेल लौटना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने के लिए कहा गया था। इसलिए यह याचिका स्वीकार्य नहीं है।
Supreme Court’s Registry refuses urgent listing request of Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal's plea for the extension of his interim bail by seven days on medical grounds in the Delhi excise policy case pic.twitter.com/8LpPUEiJRH
— ANI (@ANI) May 29, 2024
बेंच ने कहा था- CJI लेंगे फैसला
इससे पहले मंगलवार को जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर तत्काल सुनवाई से मना कर दिया था। साथ में यह भी कहा था कि अंतरिम जमानत बढ़ाने का फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ लेंगे।
सिंघवी से बेंच ने पूछा ये सवाल
केजरीवाल ने स्वास्थ्य कारणों से जमानत अवधि बढ़ाने की मांग की थी। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया था कि हम सिर्फ 7 दिन के लिए जमानत बढ़ाने की मांग कर रहे हैं और ये मांग स्वास्थ्य जटिलताओं को बढ़ते जोखिम को ध्यान में रखकर की जा रही है। इस पर बेंच ने सवाल किया कि पिछले हफ्ते मुख्य बेंच मौजूद थी, तब याचिका क्यों नहीं लगाई गई। सिंघवी ने जवाब दिया कि एक डॉक्टर का परामर्श ही रविवार को मिला है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान दिल्ली सीएम कानूनी जांच से भागेंगे नहीं और सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का पालन भी करेंगे।
अरविंद केजरीवाल को हुआ क्या है?
27 मई को मंत्री आतिशी ने दावा किया था कि जब केजरीवाल ईडी की हिरासत और तिहाड़ जेल में थे तो उनका 7 किलो वजन घट गया। दोबारा उनका वजन बढ़ा नहीं है। टेस्ट से पता चला कि उनके कीटोन का लेवल बहुत अधिक बढ़ गया है। इससे कैंसर और गुर्दे खराब होने का खतरा है। इसलिए डॉक्टरों ने पीईटी स्कैन और कई अन्य जांच कराने की सलाह दी है।
जांच एजेंसी ईडी का आरोप है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शराब पॉलिसी बनोन और शराब लाइसेंस के बदले रिश्वत मांगने में अहम भूमिका निभाई थी। एजेंसी ने दावा किया है कि AAP को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी, जिसका इस्तेमाल गोवा और पंजाब चुनाव अभियानों के लिए किया गया था। AAP और केजरीवाल ने सभी आरोपों से इनकार किया है और गिरफ्तारी और मामले को राजनीतिक प्रतिशोध कहा है।