Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी 'मुगल सम्राट औरंगजेब' की तरीफ कर मुश्किलों में घिर गए हैं। आजमी के 'औरंगजेब क्रूर नहीं था' वाले बयान के बाद सियासी विवाद छिड़ गया है। लोकसभा सांसद नरेश म्हस्के ने ठाणे में अबू आजमी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। शिवसेना समर्थकों ने मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में भी लिखित शिकायत की है। इधर महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने बयान का विरोध करते हुए कहा कि अबू आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।
औरंगज़ेब वाले बयान के खिलाफ़ प्रदर्शन
महाराष्ट्र में भाजपा, एनसीपी और शिवसेना से मिलकर बनी महायुति के नेताओं ने समाजवादी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के विधायक अबू आज़मी के औरंगज़ेब वाले बयान के खिलाफ़ प्रदर्शन किया। राज्य विधानसभा के बाहर का दृश्य।
'मैं औरंगजेब क्रूर शासक नहीं मानता'
सोमवार (3 मार्च) को 'छावा फिल्म' को लेकर पूछे गए सवाल पर आजमी ने कहा कि औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता हूं। छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच लड़ाई धार्मिक नहीं बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए थी। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता।
आजमी माफी मांगें
महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने आजमी के बयान का विरोध किया। शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। उन्होंने उस औरंगजेब की तारीफ की, जिसने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक प्रताड़ित किया। ऐसे व्यक्ति को अच्छा कहना महापाप और अपराध है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ़ एक शब्द भी नहीं कहा
अबू आजमी ने विवाद बढ़ने पर कहा कि उस समय के राजाओं में सत्ता और संपत्ति के लिए संघर्ष होता था, लेकिन यह धार्मिक नहीं था। औरंगज़ेब ने 52 साल तक राज किया। अगर वह वाकई हिंदुओं को मुसलमान बना रहा था तो सोचिए कितने हिंदुओं ने धर्म परिवर्तन किया होगा। अगर औरंगज़ेब ने मंदिर तोड़े थे, तो उसने मस्जिदें भी तोड़ी थीं। अगर वह हिंदुओं के खिलाफ़ होता तो 34% हिंदू उसके साथ नहीं होते। उसके सलाहकार हिंदू नहीं होते। इसे हिंदू-मुस्लिम एंगल देने की कोई ज़रूरत नहीं है। यह देश संविधान से चलेगा। मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ़ एक शब्द भी नहीं कहा है।
एस्टेट पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज
इधर लोकसभा सांसद नरेश म्हस्के ने अबू आजमी के खिलाफ वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाई है। FIR में कहा है कि आजमी के बयानों ने धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का प्रयास किया गया। शिवसेना समर्थकों ने मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में भी लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आजमी के बयानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।