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Ayodhya Mosque:अयोध्या में मुस्लमि पक्ष की ओर से मस्जिद बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। इस मस्जिद की खासीयत यह होगी कि यह भारत की पहली ऐसी मस्जिद होगी जिसमें पांच मिनारें होंगी। इसे बनाने की तैयारियों में जुटे फाउंडेशन का दावा है कि यह मस्जिद खूबसूरती के मामले में ताज महल को टक्कर देगा।

Ayodhya Mosque: अयोध्या आने वाले समय में गंगा जमुनी तहजीब का एक नायाब उदाहरण पेश कर सकता है। एक ओर जहां अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है, वहीं दूसरी ओर यहां पर मुस्लिम पक्ष की ओर से भारत की सबसे बड़ी मस्जिद बनाने की तैयारियां भी शुरू हो गई है। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) को इस विशाल परियोजना की देखरेख का काम सौंपा गया है। फाउंडेशन का दावा है कि यह मस्जिद खूबसूरती के मामले में ताज महल को टक्कर देगा। 

किसके हाथ में है मस्जिद निर्माण की कमान

राम मंदिर निर्माण की सफलता से प्रेरित होकर IICF इस मस्जिद के लिए नए सिरे से फंड जुटाने की कोशिश कर रहा है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को सफल बनाने का सारा दारोमदार महाराष्ट्र के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हाजी अरफात शेख पर है। शेख को नवंबर 2023 में मस्जिद की विकास समिति का नया प्रमुख नियुक्त किया गया था। इस मस्जिद का शुरुआती डिजाइन दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के आर्चिटेक्चर विभाग के फाउंडर डीन एसएम अख्तर ने तैयार किया था।  

पुराने डिजाइन में किया जा रहा बदलाव
अख्तर ने मस्जिद के लिए जो डिजाइन तैयार किया था उसके मुताबिक इसे 4,500 वर्ग मीटर में बनाने की योजना थी। मस्जिद में एक अस्पताल, कम्युनिटी किचन, लाइब्रेरी और एक रिसर्च सेंटर भी बनाया जाना था। हालांकि अब IICF ने पुरानी डिजाइन में बदलाव करने का फैसला किया है। अब यहां एक ऐसा मस्जिद तैयार करने का लक्ष्य है जो दुनिया के आठ अजूबों में से एक ताजमल को भी खूबसूरती के मामले में पीछे छोड़ दे।  इसके साथ ही इसके प्रांगण में दुनिया की सबसे कुरान की प्रति रखने की भी योजना है, जिसकी ऊंचाई लगभग 21 फिट होगी। 

नए डिजाइन का अभी नहीं हुआ है अनावरण
IICF के अध्यक्ष हाजी अरफात शेख को मस्जिद की पुरानी डिजाइन पसंद नहीं आ रही। शेख ने हाल ही में मीडिया से बताया कि मस्जिद का मौजूदा डिजाइन किसी अंडे की छिलके की तरह लग रहा था। इसलिए अब इसमें बदलाव किया जा रहा है। पुणे के आर्चिटेक्ट इमरान शेख इसका नया डिजाइन तैयार कर रहे हैं। मस्जिद के नए डिजाइन को फरवरी तक सभी के सामने रखा जाएगा। इसमें अस्पताल और कम्युनिटी किचन की सुविधाएं पहले जैसी ही रहेंगी। हालांकि दूसरी सुविधाओं में बदलाव किया जाएगा। 

क्याें खास होगी यह मस्जिद
अयोध्या में बनने वाली यह मस्जिद बेहद खास होगी। यह भारत की पहली मस्जिद होगी जिसमें पांच मीनारें होंगी। यहां पर एक वाटर एंड लाइट शो भी होगा। इसकी खासीयत यह होगी कि अजान के आवाज के हिसाब से इसके फव्वारों के पानी और रोशनी में हरकत होगी। अयोध्या में सरयू नदी घाट पर उत्तर प्रदेश सरकार के लाइट एंड वाटर से प्रेरणा लेते हुए इसे तैयार किया जाएगा। मस्जिद के अहाते की लाइट्स सुबह होते ऑटोमैटिक ढंग से ऑन होगी और शाम ढलते ही ऑफ हो जाएगी। यहां एक बड़ा फिश एक्वेरियम भी बनाया जाएगा, जो कि दुबई के फिश एक्वेरियम से भी बड़ा होगा। 

अयोध्या से कितनी दूरी पर बनेगी मस्जिद
बता दें कि मस्जिद के लिए अयोध्या  से 25 किमी दूर धन्नीपुर में पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर फैसला सुनाते हुए यह जमीन मुस्लिम पक्ष को आवंटित की थी। इस ऐतिहासिक फैसले ने अयोध्या में उसी जगह पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जहां 6 दिसंबर 1992 से पहले बाबरी मस्जिद थी।  इस मस्जिद को बनवाने के लिए IICF ऑनलाइन फंड रेजिंग प्रोग्राम शुरू कर रहा है। फंड जुटाने के लिए फाउंडेशन फरवरी या मार्च तक वेबसाइट लॉन्च करेगा। जहां पर क्यूआर कोड की मदद से डोनेशन जुटाया जाएगा। 

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