Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में प्रभु राम अस्थाई मंदिर से अपने भव्य महल में जाने वाले हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को बताया कि रामलला के बाल स्वरूप की तीन मूर्तियां 90 फीसदी बनकर तैयार हैं। बस उनकी फिनिशिंग बाकी है। 22 जनवरी को पीएम मोदी मंदिर का उद्घाटन करेंगे। उसी वक्त रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। अनुष्ठान के लिए काशी के एक विद्वान का नाम फाइनल किया गया है।
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh | General Secretary of Sri Ram Janambhoomi Trust Champat Rai says, "At Ram Janambhoomi temple, a 4'3'' idol depicting the 5-year-old child form of Lord Ram is being constructed at three locations in Ayodhya. Three artisans are building it on three… pic.twitter.com/tDFD2HTjS4
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 6, 2023
4 फीट 3 इंच की है रामलला की प्रतिमा
चंपतराय ने बताया कि राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम के 5 वर्षीय बाल रूप को दर्शाने वाली प्रतिमा 4 फीट 3 इंच की है। तीन कारीगर पत्थर के तीन अलग-अलग टुकड़ों पर मूर्ति का निर्माण कर रहे हैं। ये मूर्तियां 90 प्रतिशत तैयार हैं और फिनिशिंग का काम पूरा होने में लगभग एक सप्ताह लगेगा। मूर्ति को भूतल पर गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। मंदिर का भूतल लगभग तैयार है। इसलिए प्राण-प्रतिष्ठा में कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने आगे बताया कि 'प्राण-प्रतिष्ठा' समारोह में कम से कम 4000 साधुओं को आमंत्रित किया जा रहा है। आगे आमंत्रित लोगों की सूची भी तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारी धार्मिक नेताओं के साथ प्रधानमंत्री को निमंत्रण देने गए थे।
16 जनवरी से शुरू होंगे अनुष्ठान, 4 हजार संतों को न्योता
अयोध्या में राम मंदिर में राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी, 2024 को शुरू होंगे। वाराणसी के एक वैदिक पुजारी लक्ष्मी कांत दीक्षित 22 जनवरी को राम लला के अभिषेक समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे। 14 जनवरी से 22 जनवरी तक अयोध्या में अमृत महाउत्सव मनाया जाएगा। 1008 हुंडी महायज्ञ और भंडारा किया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उस दिन दोपहर 12 बजे से 12:45 बजे के बीच राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला को विराजमान करने का निर्णय लिया है। ट्रस्ट ने समारोह के लिए सभी संप्रदायों के 4,000 संतों को आमंत्रित किया है।
5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला
अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2020 को रखी थी। 2019 में अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के फैसले से राम मंदिर के निर्माण का मार्ग खुला था। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद केंद्र ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के संबंध में सभी निर्णय लेने के लिए श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना की। ट्रस्ट की देखरेख में मंदिर का निर्माण कार्य निरंतर गति से चल रहा है। रामलला की मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में होगी।