BrahMos engineer Nishant Agarwal: ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को नागपुर की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन्हें पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी करने का दोषी पाया गया था। अग्रवाल को 2018 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

जमीन, हवा, समुद्र और पानी के नीचे से लॉन्च हो सकती है ब्रह्मोस
ब्रह्मोस एयरोस्पेस DRDO (भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) और रूस के मिलिट्री इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम (NPO Mashinostroyenia) का संयुक्त उद्यम है। उन्होंने भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने पर काम किया, जिसे जमीन, हवा, समुद्र और पानी के नीचे से लॉन्च किया जा सकता है।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के कई अहम प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुके हैं निशांत
निशांत अग्रवाल भारत के ब्रह्मोस मिसाइल को डेवलप करने वाली टीम में काम कर चुके हैं। ब्रह्मोस एयरोस्पेस  भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उपक्रम है, जो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करता है। निशांत अग्रवाल ने अपनी स्पेशियलिटीज और तकनीकी कौशल के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम किया। 

कौन है निशांत अग्रवाल (who is Nishant Agarwal)?
निशांत अग्रवाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। इसके बाद, उन्होंने ब्रह्मोस एयरोस्पेस में इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू किया। अपनी उत्कृष्टता और समर्पण के कारण, उन्हें ब्रह्मोस एयरोस्पेस में जल्दी ही महत्वपूर्ण पदों पर पदोन्नति मिली। वह मिसाइल प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाली टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे।

निशांत अग्रवाल पर क्या है आरोप और कब हुई गिरफ्तारी
निशांत अग्रवाल को अक्टूबर 2018 में महाराष्ट्र एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वाड) और उत्तर प्रदेश एटीएस की संयुक्त टीम द्वारा नागपुर से गिरफ्तार किया गया था। उन पर भारत की सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील और गोपनीय सूचनाओं को पाकिस्तान के साथ साझा करने का आरोप लगाया गया था।

निशांत ने ISI तक कैसे पहुंचाई जानकारी?
एटीएस के अनुसार, निशांत अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भेजी। उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी आईडी के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंट्स से संपर्क में रहने का आरोप भी है। एटीएस का दावा है कि निशांत अग्रवाल ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और जानकारियां, जिनमें ब्रह्मोस मिसाइल की तकनीकी और सुरक्षा से संबंधित डेटा शामिल हैं, उन एजेंट्स को भेजी थीं।

निशांत अग्रवाल के खिलाफ जांच में क्या हुआ?
गिरफ्तारी के बाद, निशांत अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उनके खिलाफ आईटी एक्ट और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए। जांच एजेंसियों ने उनके कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों की जांच की, जिसमें संवेदनशील डेटा का हस्तांतरण पाए जाने का दावा किया गया।

निशांत अग्रवाल ने दी थी आरोपों पर सफाई
निशांत अग्रवाल और उनके परिवार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि निशांत निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है। उनका दावा है कि निशांत ने कभी भी किसी गोपनीय जानकारी को लीक नहीं किया और वह हमेशा देश के प्रति निष्ठावान रहे हैं। निशांत अग्रवाल की गिरफ्तारी और उनके ऊपर लगे आरोपों ने भारतीय रक्षा क्षेत्र में बड़ी हलचल मचाई थी।